मुकेश गुप्ता की बढ़ी मुश्किलें, 21 साल पुराने मामले में जुर्म दर्ज
रायपुर, 18 जून (आरएनएस)। आईपीएस मुकेश गुप्ता की मुश्किलें और बढऩे लगी है। 21 साल पुराने एक मामले में पुलिस ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि मुकेश गुप्ता ने एसपी के पद पर रहते हुए भिलाई साडा के भूखंड की हेराफेरी कर उसकी बिक्री कर दी थी।
ज्ञात हो कि 1998 में दुर्ग जिला के तत्कालीन एसपी मुकेश गुप्ता को साडा ने 540 वर्ग मीटर का एक प्लांट आबंटित किया था। इस बीच साडा भिलाई के भंग हो गई जिसकी जानकारी होने के पश्चात भी कूटरचना कर उक्त वर्णित भू-खंड क्रमांक 67, प्लाट क्रमांक 5 की रजिस्ट्री मुकेश गुप्ता ने अपने नाम करवाई थी। जब मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना 8 जून 1998 द्वारा साडा भिलाई को भंग कर दिया गया था तो साडा भिलाई को 11 जून 1998 को उक्त भूखंड की रजिस्ट्री करने का कोई अधिकार हीं नहीं था। यदि उक्त अधिसूचना भी अस्तित्व में नहीं होती तो भी बिना राशि प्राप्त किये ये रजिस्ट्री नहीं की जा सकती थी। साडा भिलाई के पदेन सदस्य होने के नाते आईपीएस मुकेश गुप्ता भी उक्त रजिस्ट्री न होने के उक्त दोनों तथ्यों को भलीभांती जानते थे।
उक्त भूखंड में 11 सितंबर 2000 तक कोई भवन निर्माण नहीं हुआ था तथा उक्त भूखंड में 12 अप्रैल 2001 को मात्र नगर निगम भिलाई, टाडन एंड कंट्री प्लैनिंग से भवन अनुज्ञा प्राप्त की गयी थी तथा 17 नवंबर 2003 को निर्माण पूर्ण कर नगर निगम भिलाई-टाऊन एंड कंट्री प्लैनिंग से पूर्णत: प्रमाण-पत्र क्रमांक 1932 प्रापत किया गया था। शिकायकर्ता जानकारी अनुसार नियमानुसार मुकेश गुप्ता ने पुलिस मुख्यालय रायपुर अथवा गृह, पुलिस विभाग छग शासन को उक्त भवन के निर्माण संबंधी न तो कोई सूचना दी थी और न ही इस बाबत् कोई अनुमति प्राप्त की थी। शिकायकर्ता की जानकारीनुसार मुकेश गुप्ता ने आज दिनांक तक शासन, विभाग को निर्माण में व्यय राशि का भी कोई ज्ञात श्रोत का विवरण प्रदान नहीं किया है। 9 जून 1998 को चैक क्रमांक 644208 से राशि 75 हजार 536 रूपये साडा के खाते में जमा की गयी तथा यह राशि साडा के खाते में रजिस्ट्री के पश्चात ही जमा हुई है। इस तरह गुप्ता के खिलाफ सुपेला पुलिस ने धारा 409, 467, 468, 420, 471, 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। मानिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुकेश गुप्ता ने 540 वर्ग मीटर प्लांट हासिल किया था इसका अनुबंध नहीं हो पाया और उन्होंने इसकी जानकारी दिए बगैर 27 लाख रूपये ें बेच दिया । बताया जा रहा है कि इसकी शिकायत पूर्व में भी की गई थी, लेकिन मुकेश गुप्ता के प्रभार में होने के कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।