वैश्विक बाजार और निवेश में मंदी का दौर सभी के लिए चिंता का विषय:गोयल
नईदिल्ली,10 जून (आरएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेलवे मंत्री, पीयूष गोयल ने 8-9 जून, 2019 को जापान के सुकुबा, इबारकी में व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर आयोजित दो दिवसीय जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक से हटकर कई देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं का आयोजन किया।
मेजबान देश जापान और अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, सिंगापुर, कोरिया, स्पेन, कनाडा, यूरोपीय संघ, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, चिली और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीयूष गोयल ने भारतीय उत्पादों के लिए पारस्परिक बाजार पहुंच की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार और निवेश में मंदी का दौर हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था की प्रगति और विकास तथा नौकरियों के सृजन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने उस कानून आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में व्यापार तनाव कम करने और आत्मविश्वास को पुन:स्थापित करने का आह्वान किया, जिसे सभी देशों ने बहुत कष्ट उठाकर जुटाया है। गोयल ने कहा कि भारत मुक्त व्यापार के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। यह पूरी दुनिया में समृद्धि लाने के लिए समावेशी और विकास केन्द्रित कदम है। इसमें एसडीजी के लक्ष्यों को पूरा करने की अनिवार्यता, गरीबी और अभाव दूर करने पर ध्यान दिया गया है।
उन्होंने जोर दिया कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों के आगमन से सेवाएं विकास की परिचालक बन गई हैं। विनिर्माण क्षेत्र की सेवा में बढ़ोत्तरी वैश्विक व्यापार में सेवाओं के महत्व को आगे बढ़ा रही हैं। सेवा क्षेत्र द्वारा भी मुख्य निवेश जुटाया जा रहा है। हमें निवेश और प्रगति को स्थिर बनाए रखने के लिए अवरोधों को दूर करना और उच्च कुशल पेशेवरों के लिए अस्थायी आंदोलन में मदद करने की जरूरत है। उन्होंने विकासशील देशों में घरेलू और वैश्विक व्यापार दोनों में ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के व्यापक भागीदारी द्वारा इस स्थिति को सुधारने का दूसरा तरीका बताया, क्योंकि ये उद्यम रोजगार और आय का सृजन करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन पर लाखों लोगों की आजीविका निर्भर करती है। भारत जी-20 से यह आग्रह करता है कि विकासशील देशों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाने के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाए।
दो दिवसीय सत्रों के अंत में वाणिज्य मंत्री ने व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के बीच बढ़ते हुए इंटरफेस के बारे में प्रगतिशील एजेंडे की पहल के लिए जापान को बधाई दी। पहली बार डिजिटल अर्थव्यवस्था और व्यापार तथा निवेश के मंत्रियों के साथ जी-20 का संयुक्त सत्र आयोजित किया गया, जिसमें डिजिटल अर्थव्यवस्था और व्यापार के बीच इंटरफेस के बारे में विचार-विमर्श किया गया। केन्द्रीय वाणिज्य उद्योग और रेल मंत्री ने दोनों संयुक्त सत्रों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां हमारी अर्थव्यवस्था पर बहुत प्रभाव डाल रही हैं, जो देश इन बदलती वास्तविकताओं को अपनाने में असमर्थ रहते हैं तो उनके सामने पीछे छूटने का जोखिम बना रहता है। उन्होंने कहा कि नौकरियों, राजस्व की हानि और प्रतिस्पर्धा घटने की चिंताएं बनी रहती हैं। व्यापार, निवेश और डिजिटल अर्थव्यवस्था ओसाका शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस घोषणा को 29 जून, 2019 को अपनाया जाएगा। व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर मंत्रिस्तरीय वक्तव्य के लिए निम्नलिखित लिंक से पहुंचा जा सकता है:
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