छत्तीसगढ़ के नए भूप हुए बघेल

रायपुर ,16 दिसंबर (आरएनएस)। लंबी जद्दोजहद और कश्मकश के बाद अंततोगत्वा किसान पुत्र भूपेश बघेल ही छत्तीसगढ़ के ‘भूप Ó बनाए गए। रविवार को दोपहर बाद प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा कर दी गई। पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा समाप्ति के बाद भूपेश बघेल 1985 में जिला ग्रामीण युवक कांग्रेस के अध्यक्ष के रुप में अपनी राजनीतिक पारी की शरुआत की। 23 अगस्त 1961 को पाटन ब्लाक के बेलौदी गांव में जन्में भूपेश बघेल ने राजनीतिक शिक्षा-दीक्षा अंचल में चाणक्य के नाम से मशहूर दाऊ वासुदेव चंद्राकर के मार्गदर्शन में हुई। विगत पन्द्रह वर्षों तक सत्ता में विपक्ष की भूमिका निभाने, संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को योग्यतानुरुप सक्रिय करने में उनकी प्रभावी भूमिका रही। वर्ष 1993 में उन्होंने पाटन विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में वियश्री हासिल कर संयुक्त मध्यप्रदेश में बतौर विधायक पदार्पण किया। उनकी राजनीतिक दक्षता को देखते हुए वर्ष 2003 में भाजपा के शासनकाल में उन्हें विपक्ष का उपनेता बनाया गया। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कद्दावर मंत्री के रुप में पहचान बनाने वाले भूपेश बघेल ने पन्द्रह वर्ष के राजनीतिक वनवास को भी पार्टी को संगठित और सामान्य कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिन का चैन और रात की नीदों का भी त्यागकर सशक्त विपक्ष की भूमिका अदा की। इस अंतराल में उन्होंने कई सियासी यात्राओं का नेतृत्व करते हुए कांग्रेस को प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर पर अलग ही चिन्हांकित किया। विद्यार्थी जीवन से ही जुझारु रहे भूपेश बघेल की इसी गुण के कारण ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश बागडोर थमाने का सही निर्णय लेकर उन्हें पुन: छत्तीसगढ़ को संवारने और सुशासन स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। आगामी दिनों में अंचल की जनता उनसे बड़ी अपेक्षाएं पाली हुई है। इसमें कोई संदेह नहीं होनी चाहिए कि नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसी भी चुनौती का सामना न कर सकें।

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