कृषि बिल केवल औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की साजिश : भूपेश बघेल

0-मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर किया सीधा हमला
0-कांग्रेस के वर्चुअल सम्मेलन में जमकर बरसे सीएम
रायपुर, 10 अक्टूबर (आरएनएस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय राजीव भवन में आज कृषि बिल के खिलापु कांग्रेस ने ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन किया। किसान-मजदूर बचाओ सम्मेलन में कांग्रेस नेताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ सीधा हमला बोला।
ठेठ छत्तीसगढ़ी में अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा कि यह बात पूरी तरह से झूठी है कि कृषि बिल कृषकों के हित के लिए लाया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि यह केवल चंद औद्योगिक घरानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया बिल है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश के किसानों को झूठ बोलना बंद करें। श्री बघेल ने कहा कि भाजपा और पीएम श्री मोदी ने वर्ष 2026 में कहा था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना हो जाएगी। कैसे होगा? किस तरह से होगा? यह बताने कोई सामने ही नहीं आता। सीएम श्री बघेल ने कहा कि यदि प्रतिवर्ष 50 रूपए समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा तो यह कैसे संभव होगा? उन्होंने कहा कि यदि यूपीए सरकार के निर्णयों पर ही अमल किया जाता तो भी यह संभव हो जाता। लेकिन केन्द्र सरकार तो केवल चंद औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है, उसे देश के किसानों से कोई लेना-देना ही नहीं है।
सीएम श्री बघेल ने भाजपा नेताओं और खासकर विष्णुदेव साय और धरमलाल कौशिक का नाम लेते हुए कहा कि यही बता दें कि केन्द्र सरकार ने किसानों को बोनस देने पर रोक क्यों लगाई है। लगाई है अथवा नहीं यह भी स्पष्ट कर दें। श्री साय और श्री कौशिक ही बता दें कि किसानों को बोनस पर रोक लगाना कहां तक सही है, सही है अथवा नहीं यह प्रदेशवासियों को बताएं। श्री बघेल ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे, कब करेंगे, लागू हुआ कि नहीं, केवल इतना ही देशवासियों को बता दें। किसानों की आय दोगुना करने की बात कही थी यह कैसे होगा, यह बता दें। शांता कुमार कमेटी रिपोर्ट का भी उल्लेख करते हुए कहा कि
किसानों को बर्बाद करने और उनकी आय का रास्ता रोकने के लिए हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में यह नहीं होगा।
सीएम श्री बघेल ने सीधे पीएम पर निशाना लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एक राष्ट्र एक बाजार का नारा दिया है, इसमें एक लाईन और जोड़ ले, एक राष्ट्र, एक बाजार एक मूल्य। सीएम श्री बघेल ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री यह ऐलान करेंगे कि सभी उपजों के समर्थन मूल्य से कम में देश के किसी भी हिस्से में विक्रय नहीं होगा। यदि वो इतना भी कर दें तो यह किसानों के लिए काफी राहत भरा पैगाम होगा। श्री बघेल ने कहा कि यह नहीं होगा, क्यों कि केन्द्र सरकार की मंशा केवल बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की है। छोटे-मंझोले व्यापारियों से उन्हें कोई वास्ता नहीं है। यह कानून अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों के लिए हैं। अभी कानून लागू नहीं हुआ है लेकिन अडानी के लिए 1 लाख टन की क्षमता वाला गोदाम बनकर तैयार है। इससे समझा जा सकता है कि ये लोग सस्ते दर पर किसानों से अनाज लेंगे और फिर खुद दाम तय करते हुए महंगे दामों पर अनाज बेचेंगे। आम आदमी कहां जाएगा, क्या खाएगा, किसानों का क्या होगा? यह पीएम क्यों नहीं सोचते?
उन्होंने कहा कि अब गोदामों में मनचाहे ढंग से और बेहिसाब अनाज रखने की छूट दी जाएगी तो निश्चित रूप से काला बाजार मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि अभी प्याज का भाव, दाल का भाव क्या है बताने की जरूरत नहीं है आने वाले समय में यह और महंगा होगा।
हमें दलहन-तिलहन पर ध्यान देने की जरूरत :
सीएम श्री बघेल ने पूरे बिल को षडय़ंत्र बताते हुए प्रदेश के कृषकों से आव्हान किया कि हमें इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में दलहन-तिलहन की खेती पर जोर देना चाहिए, आने वाले समय में इसकी अच्छी मांग होगी और दाम भी बढ़ेगा। उन्होंने दाम बढऩे पर ही अनाजों की बिक्री करने का आव्हान करते हुए कहा कि उनकी मंशा है कि प्रदेश का कोई भी किसान आर्थिक रूप से पिछड़ा न रहे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अच्छी वर्षा हुई है पिछले वर्ष राज्य सरकार ने 83 लाख मीट्रिक टन क्रय किया था, इस वर्ष 85 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खरीदी की जाएगी।
श्री बघेल ने पूर्व सीएम डा. रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि डा. साहब बताएं कि किसानों से 10 क्विंटल अनाज लेने का फरमान किसने जारी किया थाा। डा. रमन सिंह बताएं कि 2100 रूपए सर्मथन मूल्य, 300 रूपए बोनस देने का निर्णय किसका था? क्या आपने प्रदेश के कृषकों को इसका लाभ दिया, यदि नहीं तो आपको सवाल करने का भी हक नहीं है। सीएम श्री बघेल ने कहा कि आप बोनस नहीं देते है और हम देना चाहते हैं तो रोक लगाते हैं, यह सब अब नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि हमने किसानों के उत्थान व आर्थिक प्रगति के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की। धान के साथ गन्ना, मक्का जैसे फसल लेने वाले किसानों को भी इस योजना का लाभ दिलाया है।
अब इसमें भी भाजपा वालों को परेशानी हो रही हैं, भाजपा वाले सवाल उठा रहे हैं कि किसानों को एक साथ पैसा क्यों नहीं देते?
श्री बघेल ने कहा कि पहले भाजपा वाले बताएं कि राज्य के हक का 4000 करोड़ केन्द्र सरकार ने क्यों रोक रखा है? केन्द्र सरकार को किस बात का डर सता रहा है? केन्द्र से राशि रोके जाने के बाद भी राज्य सरकार ने अपने दम पर किसानों को दो किश्तों का भुगतान कर दिया है, तीसरा किश्त 01 नवंबर को दिया जाएगा। हमें पता है कि किसान भाईयों को कब पैसों की जरूरत पड़ती है। कोरोना संकट के बाद भी राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गों का बेहतर ढंग से ख्याल रखा है। केन्द्र सरकार ने तो अपने सांसदों के वेतन तक काट दिए, सांसद निधि बंद कर दिया, बोनस देने पर रोक लगा दी। मगर राज्य सरकार ने इसके बाद भी किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखा और हर संभव मदद पहुंचाई।
किसानों को काले कानून से बचाने जल्द बुलाया जाएगा विस का विशेष सत्र :
सीएम श्री बघेल ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि अब ठंड का दिन आ रहा है, किसान भाई ज्यादा से ज्यादा वर्मी कम्पोस्ट बनाने पर ध्यान दें, इससे न केवल उनके खेती-किसानी में लाभ मिलेगा, बल्कि कम्पोस्ट विक्रय से उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को इस काले कानून से बचाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पिपत है। हम जल्द ही प्रदेश के किसानों के लिए नया कानून बनाएंगे, इसके लिए जैसे ही प्रस्ताव आएगा तत्काल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।

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