बायोटेक पार्क की स्थापना से खुलेंगे विकास के नये द्वार : बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर, 05 सितंबर (आरएनएस)। कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की उपस्थिति में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना के तहत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित करने के लिए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया गया। समझौता पत्र पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रौन्नत सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गिरीश चंदेल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. आर. के. वाजपेयी तथा केन्द्र सरकार के बायो टेक्नोलॉजी विभाग के नोडल अफसर डॉ. नितिन जैन ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील तथा सचिव कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन अनूप कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
कृषि मंत्री अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि जैव प्रौद्योगिकी पार्क स्थापित होने से छत्तीसगढ़ मे जैव प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के कार्यों में गति आएगी। उन्होंने कहा कि बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित होने से इसमें विश्वविद्यालय का तकनीकी सहयोग मिलेगा। जैव प्रौद्योगिकी मानव जीवन से जुड़ा हुआ है। इसका महत्व कभी कम नहीं होगा। अग्रवाल ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना से छत्तीसगढ़ में जैव प्रौद्योगिकी के विकास की संभावनाओं के नये द्वार खुलेंगे। जैव प्रौद्योगिकी पार्क खुलने से इस क्षेत्र में निवेशक भी आगे आएंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के पाटील ने कहा कि बायो टेक्नालॉजी पार्क स्थापित होने से बायो टेक्नालॉजी के व्यावसायिक उपयोग के लिए व्यवस्था विकसित होगी। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना के तहत जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के साथ ही अनुसंधान कार्यों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। जैव प्रौद्योगिकी आधारित नये उद्योगों की स्थापना से जहां रोजगार के अवसर सृजित होंगे वहीं कुशल मानव संसाधन विकास भी होगा। कृषि विभाग के सचिव अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के कुछ गिने-चुने राज्यों में बायो टेक्नालॉजी के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है। छत्तीसगढ़ में भी अब बायोटेक्नालॉजी को बढ़ावा देने सुदृढ़ कार्ययोजना बनाई जाएगी।

 

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