अंतिम सावन सोमवार को भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए लिए मंदिरों में उमड़े श्रध्दालु
रायपुर, 20 अगस्त (आरएनएस)। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतिम सावन सोमवार के अवसर पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिरों में अपने भोले नाथ, भोले भण्डारी, महादेव एवं देवों के देव महादेव के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। शहर के प्राचीनतम मंदिर हटकेश्वरनाथ रायपुरा, बुढ़ेश्वर महादेव ब्रम्हपुरी, दुधाधारी मठ मठपारा, शंकर मंदिर बूढ़ापारा, शंकर मंदिर रावांभाठा, नीलकंठेश्वर महादेव भाठागांव रोड एवं शहर के सभी पुराने नये शिवालयों में श्रद्धालु सुबह से ही जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक महादेव पर अर्पित कर पूर्ण भक्तिभाव से पूजा करते दिखाई दिये। अंतिम सावन सोमवार के अवसर पर हटकेश्वरनाथ, बूढ़ेश्वर महादेव नीलकंठेश्वर महादेव सहित मंदिरों में स्थित भोलेनाथ का पुजारियों द्वारा फूल, बेलपत्री, धतूरे की माला आदि से विशेष श्रंृगार किया गया। लंबी कतार के दौरान विभिन्न शिवालयों में भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक करने के लिए अपनी बारी आने का बेसब्री से इंतजार करते रहे। प्राचीनतम शिव मंदिरों सहित विभिन्न शिवालयों में आज भोलेनाथ का विशेष श्रंृगार किया गया। भक्तों ने नारियल, धतूरा, बेल पतरी चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आर्शिवाद महादेव से मांगा। हमारे 27 जिलों के संवाददाताओं से मिली जानकारी के अनुसार सावन के अंतिम सोमवार के अवसर पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भक्तों ने विधिवत महादेव की धतुरे का फूल एवं बेल पतरी चढ़ाकर विधि विधान से पूजा की। रविवार अवकाश होने के कारण कांवडिय़ों सहित अनेक भक्तों ने महादेव घाट पहुंचकर हटकेश्वरनाथ का विधिवत पूजन कर दर्शन लाभ लिया। अंतिम सावन सोमवार के अवसर पर शहर में भोलेनाथ के भक्तों ने कांवरियों के लिए जगह-जगह पर विशाल भंडारे का आयोजन किया है। हर-हर महादेव, बमबमभोले का जयकारा करते भक्तों की भीड़ शहर के प्रमुख मार्गों पर सुबह से ही दिखाई दे रही है। समाचार लिखे जाने तक शहर के प्रमुख मंदिरों में भक्तों की कतार भोलेनाथ के पूजन के लिए लगने की सूचना मिली है। इस वर्ष स्वयंसेवकों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दर्शन कराने के लिए पृथक से व्यवस्था की गई है। बुढ़ेश्वर महादेव मंदिर में नियमित रूप से पूजा के लिए आने वाली वंदना शर्मा ने बताया कि पुरानी बस्ती क्षेत्र के अनेक युवकों द्वारा सोमवार को श्रध्दालुओं की भीड़ को नियंत्रित करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को सहारा देकर शिवलिंग तक पहुंचाकर उनकी विधिवत पूजा अर्चना संपन्न कराई जा रही है।