नरवा योजना से औसत भू जलस्तर में हुई 8.4 प्रतिशत वृद्धि

जगदलपुर, 18 सितंबर (आरएनएस)। धरती में जीवों के लिए जल की उपलब्धता सर्वाधिक अनिवार्य संसाधनों में से एक है। पर्यावरण सहित हमारे कृषि, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग संस्कृति इसी पर निर्भर है। राज्य शासन द्वारा प्रारंभ किये नरवा योजना से न केवल लघु नालो को पुनर्जीवन मिला है बल्कि कहीं कहीं तो ये नाले बारहमासी में तब्दील हो चले है। इस तरह जंगल में सूखते पेड़ो को बचाने और मिट्टी कटाव को रोकने के साथ -साथ भू जल स्तर में वृद्धि में भी नरवा योजना संजीवनी साबित हुई है। फ्लैगशिप सुराजी योजना के घटक में नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत् नरवा योजना के जिले में जल संचय और जल स्रोतो के संरक्षण के तहत जिले के सातों विकासखण्ड के 40 नरवा का चयन किया गया है जिसकी कुल लम्बाई 624.65 कि.मी. है। इन नरवा के विकास से लगभग 11674 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा का विकास किया जा रहा है। जल संरक्षण के लिए जिले में नरवा के उपचार हेतु 172 ग्राम पंचायतों में इस वर्ष झोड़ी जतन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 66 नरवा का चयन कर कार्य किया गया है। जिसके तहत 5423 कार्यों की स्वीकृति दी गई। जिसमें 2504 कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही भू-जल संरक्षण कार्यों के तहत 211 नरवा का चिन्हांकित किया गया है। इन 211 नरवा पर 4106 कायों की 27.56 करोड रूपये का कार्य स्वीकृत किया गया है जिसमें 2346 कार्य पूर्ण किया गया है इस पर लगभग 9.76 करोड़ रुपए व्यय किया गया है। नरवा के उपचार उपरांत नरवा के कैचमेंट तथा कमांड एरिया का औसत भू-जल स्तर में 8.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

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