सरकार शीर्ष से नहीं, बल्कि जनता से चलती है: मोदी

नई दिल्ली,31 अक्टूबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान शनिवार को पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने ने सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सैकड़ों रियासतों को, राजे-रजवाड़ों को एक करके, देश की विविधता को आज़ाद भारत की शक्ति बनाकर सरदार पटेल ने हिंदुस्तान को वर्तमान स्वरूप दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के पहले दिन यानी शुक्रवार को नर्मदा जिले के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट पर्यटन से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और फिर उनका अवलोकन भी किया। अहमदाबाद पहुंचने के बाद मोदी सबसे पहले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के गांधीनगर स्थित निवास पहुंचे थे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने गुजराती सिनेमा के सुपरस्टार नरेश कनोडिया व उनके संगीतकार भाई महेश कनोडिया को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सरकार शीर्ष से नहीं चलती: मोदी
पीएम मोदी गुजरात में सिविल सर्विसेज के ट्रेनी अफसरों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अफसरों को सरदार साहब की सलाह थी कि देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है। मेरा भी यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता अखंडता को मजबूत करने वाले हों। आपका क्षेत्र भले ही छोटा हो, आप जिस विभाग को संभाले उसका दायरा भले ही कम हो, लेकिन फैसलों में हमेशा लोगों का हित होना चाहिए, एक राष्ट्रीय संदर्भ में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये ‘आरंभÓ सिर्फ आरंभ नहीं है, एक प्रतीक भी है और एक नई परंपरा भी। ऐसे ही सरकार ने कुछ दिन पहले एक और अभियान शुरू किया है- मिशन कर्मयोगी। मिशन कर्मयोगी, कपैसिटी बिल्डिंग की दिशा में अपनी तरह का एक नया प्रयोग है। सरकार शीर्ष से नहीं चलती है। नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है। जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की रीसिवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है। इसलिए हमें सरकार से शासन की तरफ बढऩे की जरूरत है।
देश में परिवर्तन के लिए ट्रेनिंग की आवश्यकता: मोदी
स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता। स्टील फ्रेम का काम देश को ये ऐहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव, आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे। देश में नए परिवर्तन के लिए, नए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, नए मार्ग और नए तौर-तरीके अपनाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका ट्रेनिंग की होती है, स्किल सेट के विकास की होती है।
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