भारतीयों में असंभव को संभव कर दिखाने का जज्बा: मोदी
0-इंडिया ग्लोबल वीक
नई दिल्ली,09 जुलाई (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं और देश दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। वहीं मौजूदा समय में जब दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में पुनरुद्धार के बारे में बात करना स्वाभाविक है और ऐसा विश्वास है कि वैश्विक पुनरुद्धार में भारत की अग्रणी भूमिका होगी।
पीएम मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘इंडिया ग्लोबल वीक:2020Ó को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीयों में असंभव को संभव कर दिखाने का जज्बा है। इसमें आश्चर्य नहीं कि भारत में हम पहले ही आर्थिक सुधार के संकेत देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं में एक बना हुआ है। मोदी ने यह भी कहा कि बहुत कम देश ऐसे हैं जो भारत जितने अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत जहां वैश्विक महामारी का डट कर मुकाबला कर रहा है, वहीं इसके समानांतर लोगों की सेहत की चिंता करते हुए हम अर्थव्यवस्था की सेहत पर भी अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय स्वाभाविक रूप से सुधारक होते हैं और इतिहास बताता है कि जब भी कोई चुनौती सामने आई, चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक, भारत ने उस पर जीत हासिल की। मोदी ने कहा कि हम सभी वैश्विक कंपनियों को भारत में बुलाने के लिए रेड कार्पेट बिछा रहे हैं। आज भारत में जैसे अवसर हैं, बहुत कम देश वैसे अवसरों की पेशकश कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत में कई नए क्षेत्रों में असीमति संभावनाएं और अवसर हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में हमारे सुधारों के कारण भंडारण और लॉजिस्टिक्स में निवेश के बेहद आकर्षक अवसर हैं। उन्होंने कहा कि कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं है कि विश्व के लिए दरवाजे बंद हो गए। इसका मतलब है कि घरेलू उत्पादों और वैश्विक सप्लाई चैन का मिश्रण है।
पीएम मोदी होगी ऑनलाइन बैठक में होंगे शामिल
भारत और यूरोपीय संघ के बीच अगली शिखर बैठक 15 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी। इसमें भारत की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी अगुवाई करेंगे। यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने बताया कि शिखर सम्मेलन में साझा सिद्धांतों और कानून के शासन, स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों के आधार पर रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान यूरोपीय संघ और भारत के लोगों को ठोस लाभ पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा।
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