रूसी ओईएम तथा भारतीय कम्पनियों के बीच 14 सहमति पत्रों का हुआ आदान-प्रदान

लखनऊ, 06 फरवरी (आरएनएस)। रक्षा प्रदर्शनी-2020 के साथ-साथ लखनऊ में गुरुवार को पांचवां भारत-रूस सैन्य औद्योगिक सम्मेलन (आईआरएमआईसी) का आयोजन किया गया। भारत की ओर से रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार तथा रूसी संघ की ओर से उद्योग एवं व्यापार उपमंत्री ओलेग रियाजांत्सेव ने सम्मेलन की अध्यक्षता की।
अपने शुरूआती वक्तव्य में डॉ. अजय कुमार ने बताया कि भारत में कल-पुर्जों के संयुक्त उत्पादन के बारे में अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर 4 सितम्बर, 2019 को रूस के व्लादिवोस्तक में हस्ताक्षर किए गए थे। इस अंतर-सरकारी समझौते में भारतीय रक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल के लिए रूस के मौलिक उपकरणों के कल-पुर्जों के निर्माण के लिए भारतीय उद्योग के साथ रूसी ओईएम की साझेदारी के लिए कार्यक्रम शामिल हैं। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि भारत की ओर से दोनों देशों की कम्पनियों के बीच सहयोग बढ़ाने के कई उपाय किए गए हैं तथा हम भारत में निर्माण की शुरूआत जल्द होने की आशा करते हैं। रूस के उपमंत्री ओलेग रियाजांत्सेव ने कहा कि रूस आईजीए के तहत सहयोग में सक्रिय भागीदारी करेगा और भारत में कल-पुर्जों के निर्माण के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगा।
इस सम्मेलन में भारत तथा रूस की रक्षा क्षेत्र की कम्पनियों के बहुत से प्रतिनिधियों ने भाग लिया और मेक इन इंडिया पहल के तहत अन्तर-सरकारी समझौते के उद्देश्यों की पूर्ति के उपायों के बारे में चर्चा की।
सम्मेलन के दौरान, रूसी ओईएम तथा भारतीय कम्पनियों के बीच 14 सहमति पत्रों का आदान-प्रदान किया गया।
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