आलोचनाओं से बेपरवाह मोदी सरकार पेश करेगी पूर्ण बजट

नई दिल्ली ,25 जनवरी (आरएनएस)। विपक्ष की आशंकाओं और आलोचनाओं से बेपरवाह केंद्र की मोदी सरकार आगामी एक फरवरी को अंतरिम नहीं बल्कि पूर्ण बजट पेश करेगी। इस क्रम में मोदी सरकार दूसरे आमबजट की तरह ही मध्य और किसान वर्ग के अलावा दूसरे वर्गों केलिए जहां ताबड़तोड़ घोषण करेगी। वहीं नागरिकता संशोधन, तीन तलाक सहित करीब एक दर्जन बिल को संसद में मंजूरी दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर भी लगाएगी।
भाजपा के एक शीर्षस्थ नेता ने पूर्ण बजट का समर्थन करते हुए कहा कि आम बजट तो आम बजट होता है। संविधान में कहीं भी अंतरिम बजट का उल्लेख नहीं है। फिर जब नई सरकार को पुरानी सरकारों की घोषणाओं पर रोक लगाने का अधिकार है तो यह बहस का विषय ही नहीं होना चाहिए। उक्त नेता ने कहा कि एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में किस वर्ग को क्या राहत देनी है इसका फैसला सरकार करेगी। जहां तक लंबित बिलों की बात है तो ऐसे सभी महत्वपूर्ण बिलों को संसद में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि अब तक चुनावी वर्ष में सरकारें अंतरिम बजट या लेखानुदान पारित कराती रही है। अगर मोदी सरकार ने पूर्ण बजट पेश किया तो यह किसी चुनावी वर्ष में पेश होने वाला पहला पूर्ण बजट होगा।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बजट में फिलहाल सरकार मध्य और किसान वर्ग को राहत देने केउपायों पर मंथन कर रही है। खासतौर से मध्य वर्ग का आय कर दायरा बढ़ाने पर विमर्श अंतिम दौर में है। क्योंकि सरकार पर आरोप है कि उसके करीब पौने पांच साल के कार्यकाल में मध्य वर्ग को राहत देने के लिए कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया गया। इसी प्रकार किसान वर्ग को ऋण माफी के इतर अन्य तरह की राहत देने पर भी माथापच्ची हो रही है।
बिल पर यह है रणनीति
तीन तलाक और नागरिकता संशोधन बिल के जरिए पार्टी चुनाव से ठीक पहले सियासी लाभ उठाना चाहती है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि अगर इन बिलों को संसद की मंजूरी नहीं मिली तो चुनाव में पार्टी के सामने विपक्ष पर अड़ंगा लगाने के आरोप का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि संसद की मंजूरी नहीं मिलने के बाद तीन तलाक मामले में सरकार ने दूसरी बार अध्यादेश जारी किया है।
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