पीएम केयर फंड में जमा सीएसआर की राशि को राज्य को देने का आग्रह

0-सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
नई दिल्ली,22 अपै्रल (आरएनएस)। छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ की खनन परियोजनाओं और औद्योगिक इकाईयों द्वारा प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा की गई सी.एस.आर. की राशि को शीघ्र राज्य सरकार को अंतरित करने हेतु निर्देश देने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि इस राशि का व्यय कोविड-19 के संक्रमण को रोकने अथवा उससे निपटने हेतु ही व्यय किया जाना है, तो राज्य शासन यह सुनिश्चित करेगा कि सीएसआर मद की राशि उन्हीं जिलों में व्यय की जाएगी, जो खनन या औद्योगिक परियोजनाओं से प्रभावित है तथा कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित है। मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि खनन परियोजनाओं अथवा औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से इकाईयों के निकटवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को भूविस्थापन, प्रदूषण एवं अन्य कारणों से होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए सीएसआर फंड की स्थापना की गई है। आप अवगत ही होंगे कि सीएसआर मद से खनन परियोजनाओं और उद्योगों के आसपास के क्षेत्रों में प्रतिवर्ष मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं संचालन का कार्य किया जाता है। सीएसआर मद का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्देश्य औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से प्रभावित व्यक्तियों को राहत देना है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण की स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा सभी खनन परियोजनाओं और औद्योगिक इकाईयों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे सीएसआर मद की राशि सीधे ‘प्रधानमंत्री केयर फंडÓ में जमा करें। इकाईयों द्वारा उक्त निर्देशों का पालन भी आरंभ हो गया है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से खनन परियोजनाओं और औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से प्रभावित व्यक्तियों में असंतोष व्याप्त है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से खनन इकाईयों के आसपास के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में अनुरोध किया है कि राज्य की इकाईयों द्वारा सीएसआर मद की जो राशि प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा की गई है, उसे शीघ्र राज्य सरकार को अंतरित करने के निर्देश देने का कष्ट करें। यदि इस राशि का व्यय कोविड-19 के संक्रमण को रोकने अथवा उससे निपटने हेतु ही व्यय किया जाना है तो राज्य शासन यह सुनिश्चित करेगा कि सीएसआर मद की राशि उन्हीं जिलों में व्यय की जाएगी, जो खनन अथवा औद्योगिक परियोजनाओं से प्रभावित है तथा कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित है।
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