(महत्वपूर्ण)(नईदिल्ली)अब किसान खुद तय करेंगे, फ सल बीमा लेना है या नहीं

0-मोदी सरकार का देश के किसानों का बड़ा तोहफा
नई दिल्ली,19 फरवरी (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अब स्वैच्छिक बना दिया है। इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के किसानों के लिए फसल बीमा का 90 फीसदी प्रीमियम सरकार देगी। वहीं कैबिनेट ने ब्याज सहायता योजना में लाभ को 2 फीसदी से बढ़ाकर 2.5 फीसदी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले से 95 लाख डेयरी किसानों को लाभ होगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ 5.5 करोड़ किसानों ने उठाया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कुल 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्रित हुआ। मंत्री ने कहा कि 60 हजार करोड़ रुपये के बीमा दावे को स्वीकृति दे दी गई है। किसानों के लिए कई हितैषी कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। मंत्रिमंडल ने फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दी, इसे किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रीमियम का 50-50 फीसदी योगदान देती है, लेकिन नॉर्थ ईस्ट के किसानों के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, यहां फसल बीमा प्रीमियम में 90 फीसदी योगदान केंद्र और 10 फीसदी राज्य का रहेगा। इसके अलावा 3 फीसदी योजना की राशि प्रशासनिक व्यवस्था पर रहेगी।
फ सल बीमा योजना को बनाया स्वैच्छिक
इसके तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी, इसे किसानों के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया। ऐसे में अब किसान खुद तय कर सकेंगे कि वह अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं अथवा नहीं। केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के बाद इस बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री ने संवाददताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दी, इसे किसानों के लिये स्वैच्छिक बनाया गया है। तीसरे फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक को मंजूरी दी। जावड़ेकर ने बताया कि इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।
सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक क्या और क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक को मंजूरी दी है, जिसमें महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इस विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है जो सभी चिकित्सा पेशेवरों और इससे जुड़ी तकनीक का उपयोग करने वाले प्रतिनिधियों पर लागू होगा। इसमें एक राष्ट्रीय बोर्ड और राज्य बोर्ड के गठन की बात भी कही गई है, जो कानूनी रूपरेखा को लागू करने में मदद करेगा। इसमें एक सेंट्रल डाटा बेस बनाने की भी बात कही गई है। इस डाटा का उपयोग शोध उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
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