संसद में पेश किया गया अनुदान मांगों का प्रस्ताव

नई दिल्ली,28 नवंबर (आरएनएस)। सरकार ने वर्ष 2019..20 की पूरक अनुदान मांगों के पहले बैच के तहत 21,246.16 करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय के लिए संसद का अनुमोदन मांगा जिसमें 8,820 करोड़ रूपये नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख की मद में मांगे गये हैं।
लोकसभा और राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में 64 अनुदान मांगों तथा दो विनियोग का प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 की पूरक अनुदान मांगों के पहले बैच के तहत 21,246.16 करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधकृत करने के लिये संसद का अनुमोदन मांगा जाता है। इसमें से निवल नकद व्यय 18995.51 करोड़ रूपये का है। सकल अतिरिक्त व्यय में 2249 करोड़ रूपये का प्रबंध मंत्रालयों, विभागों की बचत या बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों से किया जाएगा । अनुदान की मांगों के दस्तावेज के अनुसार, 14वें वित्त आयोग पंचाट के स्थान पर जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख संघ राज्य क्षेत्रों को अनुदान की मांगों के लिये 8820.62 करोड़ रूपये की मंजूरी मांगी गई है, जिसमें राजस्व घाटा अनुदान के हिस्से के मद में 5892 करोड़ रूपये, स्थानीय निकाय अनुदान मद में 725 करोड़ रूपये और एसडीआरएफ मद में 139 करोड़ रूपये शामिल हैं । नवंबर एवं दिसंबर 2019 के लिये करों से हुई निवल आय का राज्य का हिस्सा 2063.62 करोड़ रूपये है। सीतारमण ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड में पुनर्पूंजीकरण बांड को जारी करके पूंजी निवेश के लिये अपने हिस्से के तौर 2500 करोड़ रूपये के अनुदान की मांगों की मंजूरी मांगी। इसके अलावा पुलिस के वेतन और राशन लागत व्यय को पूरा करने के लिये 3387.46 करोड़ रूपये की मंजूरी मांगी गयी है। रक्षा सेवा (राजस्व) के तहत सेना के वेतन एवं भत्तों के भुगतान के अतिरिक्त व्यय को पूरा करने के लिये 1500 करोड़ रूपये के अनुदान की मांगों हेतु संसद की मंजूरी मांगी गई है।
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