ई-शासन पर 22वां राष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न

नईदिल्ली,09 अगस्त (आरएनएस)। इलेक्ट्रोनिक और सूचना प्राद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार तथा मेघालय सरकार के सहयोग से प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 8 से 9 अगस्त को शिलांग, मेघालय में ई-शासन पर 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का विषय था – डिजिटल इंडिया: सफलता से उत्कृष्टता। व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात आज ई-शासन पर शिलांग घोषणा पत्र अंगीकार किया गया। (लिंक नीचे दिया गया है)
केन्द्रीय पूर्वोत्त्र क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 8 अगस्त को सम्मेलन का उद्घाटन किया। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉंनराड के. संगमा समारोह के मुख्य अतिथि थे।
डीएआरपीजी विभाग के सचिव के. वी. इयप्पन ने समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब तक आयोजित सम्मेलनों में यह सम्मेलन सबसे व्यापक था। उन्होंने राज्य सरकार के सहयोग की सराहना की। इयप्पन ने कहा कि विचार-विमर्श और प्रस्तुतियों का स्तर प्रशंसनीय था। आशा है कि सभी राज्य सरकारें सम्मेलन की बातों को अपनाएंगी।
मेघालय के मुख्य सचिव पी. एस. थेंगख्यिू ने आयोजक टीम के उत्साह और समर्पण की सराहना की और कहा कि सम्मेलन के दौरान सीखी गई बातों को सभी प्रतिभागी वास्तविक रूप में लागू करेंगे।
सम्मेलन के दौरान 6 उपविषयों पर चर्चा हुई – भारत उद्यम वास्तुशास्त्र, डिजिटल अवसंरचना, समावेश और क्षमता निर्माण, सचिवालय सुधार, उपयोगकर्ताओं के लिए उभरती तकनीक, राष्ट्रीय ई-शासन सेवा प्रदान आकलन। इसके अलावा चार अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई – एक राष्ट्र एक प्लेटफार्म, नवोन्मेशियों तथा उद्योग जगत के साथ जुडऩा, राज्य सरकारों की आईटी पहल। ई-शासन के क्षेत्र में भारत के योगदान विषय पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। सम्मेलन में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों उद्यमियों, शोधकर्ताओं को सर्वोत्तम अभ्यासों, आधुनिकतम तकनीक तथा प्रभावी शासन के लिए उनका उपयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श के लिए एक साझा प्लेटफार्म प्रदान किया। प्रभावी ई-शासन के लिए एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने पर विशेष ध्यान दिया गया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन को हासिल करने का प्रयास किया गया।
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