भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन को मंत्रिमंडल की मंजूरी
नईदिल्ली,31 जुलाई (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष में अन्वेषण और उपयोग में सहयोग के लिए भारत और बोलिविया के मध्य हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की है।
इस समझौता ज्ञापन पर 29 मार्च को भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी ने भारत के राष्ट्रपति की बोलिविया यात्रा के दौरान सांता क्रूज डि ला सियरा, बोलिविया में हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता ज्ञापन, पृथ्वी की रिमोर्ट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह आधारित नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह-संबंधी अन्वेषण, अंतरिक्षयान, अंतरिक्ष प्रणालियों और भूतल प्रणाली के उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग सहित अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा अनुप्रयोगों जैसे सहयोग के संभावित हित क्षेत्रों को समर्थ बनाएगा।
यह समझौता ज्ञापन इसरो और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी (एबीए) सदस्यों को शामिल करके एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने में मदद करेगा, जो समय-सीमा और समझौता ज्ञापन कार्यान्वयन के तरीकों सहित कार्य-योजना भी तैयार करेगा।
इस हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से निर्दिष्ट कार्यान्वयन प्रबंध पूरा करने तथा समय-सीमा और इस समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन तरीकों सहित कार्य-योजना तैयार करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने में मदद मिलेगी।
यह समझौता ज्ञापन पृथ्वी के रिमोर्ट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण के क्षेत्र में नई अनुसंधान गतिविधियों एवं अनुप्रयोग संभावनाओं का पता लगाने में मदद करेगा।
प्रत्येक निर्दिष्ट गतिविधि के संबंध में वित्तीय योगदान संयुक्त गतिविधि के स्वरूप पर निर्भर करेगा, जिसका ब्यौरा संबंधित कार्यान्वयन समझौतों (प्रबंधों)/अनुबंधों में दिया जाएगा।
इस समझौता ज्ञापन से मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों के क्षेत्र में संयुक्त गतिविधि विकसित करने में बढ़ावा मिलेगा।
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