हंगामे में ठप हुई राज्यसभा की कार्यवाही
नई दिल्ली,25 नवंबर (आरएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को महाराष्ट्र की सियासत संसद के दोनों सदनों में हंगामे के रूप में नजर आई। कांग्रेस की अगुवाई में लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी महाराष्ट्र के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया, जिसके कारण एक बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।
राज्यसभा की सोमवार सुबह कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कांग्रेस के आनंद शर्मा, माकपा सदस्य के के रागेश तथा इलामारम करीम, सीपीआई के विनय विस्वम और डीएमके सदस्य तिरुचि शिवा की ओर से कार्यस्थगन नोटिस को खारिज होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और वामदलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसी हंगामे के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि राज्यपाल के फैसले पर विशेष नोटिस के माध्यम से ही चर्चा की जा सकती है और ऐसा कोई नोटिस विपक्षी सदस्यों की ओर से नहीं दिया गया है। नकवी ने आरोप लगाया कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना महाराष्ट्र में जुगाड़ के जरिए लोकतंत्र का अपहरण करने की कोशिश कर रही हैं। इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोपहर बाद जब उच्च सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो उप सभापति हरिवंश ने उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने को कहा, लेकिन कांग्रेस सांसदों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर महाराष्ट्र में राज्यपाल पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। उप सभापति ने इस मुद्दे पर सभापति द्वारा स्थिति स्पष्ट करने का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में व्यवस्था का सवाल भी नहीं उठाया जा सकता। कांग्रेस के समर्थन में अन्य विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा शुरू करना शुरू कर दिया तो सदन की कार्यवाही को मंगलवार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में पुरानी वर्दी में लौटे मार्शल
राज्यसभा में मार्शल सोमवार को सेना जैसी वर्दी के बजाय सामान्य बंद गले के सूट में नजर आए लेकिन उनके सर पर पगड़ी नहीं थी। पिछले सोमवार को, आसन के समीप मौजूद रहने वाले दोनों मार्शल गहरे रंग की सेना जैसी वर्दी तथा पी-कैप पहने हुए थे। नई वर्दी की कुछ संसद सदस्यों तथा सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों की ओर से आलोचना किये जाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने मार्शलों के ड्रेस कोड की समीक्षा के आदेश दिए थे। राज्यसभा की 250वीं बैठक के मौके पर सचिवालय ने 18 नवंबर को मार्शलों की ड्रेस बदली थी। सेना जैसी वर्दी के बारे में राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया था कि पहले वाली वर्दी को लेकर खास कर सर पर पहनी जाने वाली पगड़ी को लेकर मार्शल भी खुश नहीं थे। इसलिए वर्दी में बदलाव किया गया।
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