समाज के उत्थान एवं विकास के लिए शिक्षा जरूरी : टेकाम
महासमुंद, 26 जून (आरएनएस)। प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री प्रेमसिंह टेकाम ने कल महासमुंद जिले के बसना विकासखंड के ग्राम भंवरपुर के गढ़ में वीरता शौर्य पराक्रम नारी शक्ति की प्रेरणा पुंज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गढ़ मंडला की महारानी वीरांगना दुर्गावती मंडावी की 456वीं पुण्यतिथि पर प्रतिमा का अनावरण किया एवं सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित सामाजिक सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री ने सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों के अनुरोध पर भंवरपुर में 20 सीटर शासकीय आदिवासी बालक छात्रावास को बढ़ाकर 50 सीटर करने, हाई स्कूल में अतिरिक्त कक्ष भवन एवं बाउण्ड्रीवाल एवं आहता निर्माण करने की घोषणा की। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश महासचिव नवल सिंह मंडावी ने की। विशेष अतिथि के रूप में सरायपाली विधायक किस्मत लाल नंद, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति-जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रातांध्यक्ष आरएन ध्रुव, प्रांतीय महासचिव मोहन कोमरे, अ_ारह गढ़ गोंडवाना समाज के कोषाध्यक्ष भोलसिंह सिदार, अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के ब्लाक अध्यक्ष अमृत लाल जगत, देवेन्द्र सिंह राय सहित विभिन्न समाजों के समाजिक पदाधिकारीगण उपस्थित थे। प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री टेकाम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती को बचपन से ही अस्त्र-शस्त्र, घुड़सवारी सहित अन्य प्रकार की विधा में निपुण थी। इस निपुणता के कारण उनकी बहादुरी की चर्चा सर्व विख्यात है। वे किसी एक समाज के प्रेरणास्त्रोत नहीं है बल्कि सभी समाजों की प्रेरणास्त्रोत है। उनकी शौर्य गाथा सुनकर मन उत्साहित हो जाता है।