अजा और जजा के सशक्तिकरण हेतु डीएआईसी और डीआईसीसीआई के बीच सहमति पत्र पर हुआ हस्ताक्षर

नईदिल्ली,20 जून (आरएनएस)। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की मौजूदगी में डाक्टर अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र (डीएआईसी) तथा दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (डीआईसीसीआई) के बीच आज नयी दिल्ली में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। सहमति पत्र पर डीएआईसी के निदेशक अतुल देव सर्मा और डीआईसीसीआई के मिलिंद काम्बले ने हस्ताक्षर किए ।
डीएआईसी और डीआईसीसीआई के संयुक्त प्रयासों की सराहना करते हुए गहलोत ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति (एसी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) महिलाओं और युवाओं के बीच दलित उद्यमिता, सशक्तिकरण , कौशल विकास क्षमता निर्माण तथा सामाजिक आर्थिक स्थितियों पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभाव पर अनुसंधान के माध्यम से एससी और एसटी समुदायों का सशक्तिकरण करना है।
डीआईसीसीआई दलित उद्यमियों को एक साथ जोडऩे का काम करने के साथ ही उनके लिए एक संसाधन केन्द्र के रूप में भी काम करता है और इसके माध्यम से उनके आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के समाधान में मदद करता है। ऐसे में दलित समुदाय के आर्थिक और सामाजिक बदलाव के लिए अनुसंधान का काम देख रहे डीएआईसी का डीआईसीसीआई के साथ आना दलित समुदाय के उत्थान के लिए काफी महत्व रखता है।
इस संयुक्त उपक्रम के माध्यम से डीएआईसी यह देखने का प्रयास करेगा कि एससी और एसटी समुदाय किस हद तक अपने बूते अपना व्यवसाय शुरु कर पाया है। इन आंकडों से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आखिर किस वजह से दलित युवाओं में पर्याप्त उद्यमिता की भावना नहीं विकसित की जा सकी जिसके जरिए वह दुनिया में और लोगों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकते।
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