खादी भारत की राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक : डॉ. रमन सिंह
रायपुर, 12 जनवरी (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि खादी भारत की राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन के जरिए खादी को हथियार बनाया था। इससे आम जनता को आजादी के आंदोलन से जुडऩे का अवसर मिला। खादी हमारे स्वाभिमान का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री आज रात यहां शंकर नगर बीटीआई मैदान में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो तथा बुनकर सम्मेलन एवं प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। नेशनल हैण्डलूम एक्सपो दो फरवरी तक चलेगा। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ सहित देश के नौ राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, बिहार, बंगाल, मध्यप्रदेश और उत्तराखण्ड के पराम्परागत हाथकरघा बुनकर आए हैं। उनकी हाथकरघा सहकारी समितियों के स्टाल भी लगाए गए हैं। नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ रायपुर द्वारा केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के हाथकरघा विकास आयुक्त कार्यालय तथा राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग के सहयोग से किया गया है।
छत्तीसगढ़ के राज्य-राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त बुजुर्ग बुनकरों को
आजीवन पांच हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुभारंभ समारोह में कहा कि राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 60 वर्ष से अधिक उम्र के छत्तीसगढ़ प्रदेश के बुनकरों को आजीवन प्रतिमाह पांच हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इन बुनकरों की मृत्यु के बाद उनके आश्रित परिवारों को प्रतिमाह ढाई हजार रूपए की सहायता दी जाएगी। उन्होंने बुनकरों का पारिश्रमिक बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि बुनकरों की विभिन्न श्रेणियों में दस प्रतिशत से पचास प्रतिशत तक पारिश्रमिक बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ रायपुर द्वारा संचालित शो रूम और एम्पोरियम की साज-सज्जा के लिए एक करोड़ रूपए देने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ के बुनकरों की मेहनत के फलस्वरूप आज नये फैशन के इस जमाने में भी छत्तीसगढ़ के खादी और कोसा से बने कपड़ों की मांग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में हाथकरघों से बने कपड़ों का वार्षिक कारोबार 180 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है, जबकि 14 साल पहले हर वर्ष मात्र पांच करोड़ से सात करोड़ रूपए का व्यवसाय होता था।
उन्होंने कहा – राज्य सरकार ने बुनकरों पराम्परागत व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। कालातीत घोषित बुनकर समितियों का कर्जा माफ करके और उन्हें अनुदान देकर बुनकरों को प्रोत्साहित किया गया है। बुनकर परिवारों के मेधावी छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनकरों के हाथों की कला से हम नये युग की मांग के अनुरूप नई डिजाईन कपड़े तैयार कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को इस परम्परागत कला से जोडऩे के लिए पहल की गई है। कौशल उन्नयन से जोड़कर नई पीढ़ी के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथकरघा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा अंचल में अच्छा काम हुआ है।
मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कृत हुए बुनकर
मुख्यमंत्री ने समारोह में दीनदयाल सर्वश्रेष्ठ हथकरघा बुनकर प्रोत्साहन पुरस्कार के अंतर्गत वर्ष 2014-15 के लिए बुनकर योगेश कुमार देवांगन राजनांदगांव तथा रामजी देवांगन रायगढ़ और वर्ष 2015-16 के लिए संजय देवांगन बलौदाबाजार और मनीष देवांगन महासमुन्द को एक-एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि के चेक और शॉल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार स्वर्गीय बिसाहू दास महंत सर्वश्रेष्ठ हथकरघा बुनकर प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत वर्ष 2014-15 के लिए नंदलाल देवांगन रायगढ़ तथा भरत लाल देवांगन रायगढ़ और वर्ष 2015-16 के लिए देवांगन देवांगन बलौदाबाजार और लखनलाल देवांगन जांजगीर-चांपा को सम्मानित किया। इन्हें भी एक-एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि के चेक के साथ शॉल और श्रीफल भेंट किया गया।
बुनकर परिवारों के बच्चों को मिली शिक्षा प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री ने बुनकर परिवारों के मेधावी स्कूली बच्चों कुमारी शालिनी देवांगन बलौदाबाजार जिला, कुमारी गीतांजलि देवांगन बालोद जिला, टिकेश्वर कुमार देवांगन कांकेर जिला, कुमारी तृप्ति देवांगन और कुमारी रोशन कुमार देवांगन जांजगीर-चांपा जिले को शिक्षा प्रोत्साहन राशि के चेक दिए।
आयोजन में पांच वरिष्ठ बुनकरों को भी मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
ग्रामोद्योग विभाग की योजना के तहत पांच वरिष्ठ बुनकरों सर्वमोहन देवांगन, खगेश देवांगन, जोगीराम देवांगन, दुकालू राम देवांगन, सुखनंदन देवांगन और बहुरलाल देवांगन को प्रत्येक को पांच हजार 501 रूपए की सम्मान राशि के चेक प्रदान किए।
समारोह को ग्रामोद्योग मंत्री पुन्नूलाल मोहले, ग्रामोद्योग विभाग के संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ के अध्यक्ष मोतीलाल देवांगन ने भी समारोह को सम्बोधित किया। ग्रामोद्योग विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने विभाग द्वारा बुनकरों के हित में किए जा रहे कार्यो और नेशनल हैण्डलूम एक्सपो के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर लोकसभा सांसद रमेश बैस, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, विधायक श्रीचंद सुंदरानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और प्रदेश भर से आए बुनकर उपस्थित थे।