मोजांबिक में चक्रवाती तूफान इदाई में सहायता के लिए पहले पहुंची भारतीय नौसेना

नईदिल्ली ,20 मार्च (आरएनएस)। मोजांबिक में 15 मार्च को आए चक्रवाती तूफान ‘इडाईÓ के बाद लोगों की मानवीय मदद करने और आपदा राहत प्रदान करने संबधी मोजांबिक सरकार के अनुरोध के बाद भारतीय नौसेना द्वारा अपनी पहली प्रशिक्षण स्वायड के तीन जहाजो सुजाता, सारथी और शार्दूल को मोजांबिक के पोर्ट बीरा की ओर भेजा गया।
आईएनएस सुजाता और आईसीजीएस सारथी 18 मार्च की सुबह पोर्ट बीरा पंहुचे जबकि आईएनए शार्दूल 19 मार्च को पोर्ट बीरा पंहुचा और उसके बाद से स्थानीय प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
चक्रवाती तूफान इदाई ने 15 मार्च की सुबह मोजांबिक के बीरा में व्यापक नुकसान किया और इसके कारण मोजांबिक के केंद्रीय और उत्तरी प्रांत में बड़ी संख्या में लोगो की मृत्यु हुई। शुरूआती जानकारी के अनुसार बीरा शहर में सर्वाधिक नुकसान हुआ है और इसने आधारभूत ढांचे को व्यापक स्तर पर नुकसान पंहुचाया है। पोर्ट बीरा के पास लगभग पांच हजार लोगो के असहाय स्थिति में फंसे होने की जानकारी सामने आई है,जिन्हें तुंरत निकालने की आवश्यकता है। प्रभावित लोगो को सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजो द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ विचार-विमर्श कर समन्वय किया जा रहा है। मोजांबिक के रक्षा प्रशासन को खाद्य, दवाई और वस्त्र संबधी सामान पूर्ण रूप से प्रदान किया गया है और इसके साथ ही पेयजल को जहाजो से उतारने के प्रयास प्रगति पर है।
मोजांबिक के रक्षा मंत्री ने राहत कार्यो का जायजा लेने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजो का दौरा किया। सुजाता में प्रथम प्रशिक्षण स्वायड के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन वरूण सिंह ने बताया कि राहत कार्यो में सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज कोई कसर नहीं छोडेंगे। आईएनएस शार्दुल के हैलीकॉप्टर स्थानीय हवाई अड्डो से निगरानी करने और बचाव तथा राहत कार्य में कार्यरत हैं। इसके साथ ही फंसे हुए लोगो की मदद करने के लिए नावों, लैंडिग क्राफ्ट एसाल्ट और जैमिनी नावों की मदद ली जाएगी।
भारतीय नौसेना के जहाज स्थानीय प्रशासन की आवश्यकता के अनुसार स्वास्थ शिविर स्थापित करेंगे और खाना,पेयजल, कंबल और अन्य आवश्यक राहत सामग्री प्रदान करेंगे। मोजांबिक में स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और भारतीय नौसेना मोजांबिक में स्थानीय लोगो को हर संभव सहायता देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है । (साभार-पीआईबी)
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