राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 14 मार्च तक स्थगित

नई दिल्ली ,06 मार्च (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से राफेल मामले में सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय से अटॉर्नी जनर केक वेणुगोपाल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से कुछ कागजात चोरी हुए हैं और इसकी जांच जारी है। हम रक्षा सौदे से डील कर रहे जो देश की सुरक्षा का मुद्दा है। यह बेहद संवेदनशील मामला है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 14 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सुनवाई के दौरान एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि हमने एक अखबार की रिपोर्ट के आधार पर एक और एफिडेविट दायर की है। इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें अतिरिक्त कागजात नहीं चाहिए। हमने वो सारे दस्तावेज पढ़ लिए हैं जो आपने हमें पहले दिए थे। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हिंदू अखबार, याचिकाकर्ता भूषण और अन्य लोग चोरी के दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अगर अभी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए तो देश को भारी नुकसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया द्वारा जो कागजात छापे जा रहे हैं उसका सोर्स भी कोर्ट को बताया जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या भ्रष्टाचार हुआ है या उससे संबंध है तो भी कोर्ट उन कागजातों को ना देखे? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन्हें नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़े हैं और गुप्त हैं। कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर के अपने आदेश में राफेल डील की जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके बाद फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दायर की गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट राफेल डील को लेकर 14 दिसंबर 2018 के अपने फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई कर रहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच इस पर सुनवाई कर रही है। गौरतलब है कि राफेल डील को लेकर विपक्षी दल खासकर कांग्रेस और उसके अध्यक्ष अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार पर लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि इस रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है। हालांकि, मोदी सरकार साफ कर चुकी है कि इस रक्षा सौदे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है और यूपीए के दौर में हुई डील से सस्ते में राफेल विमान खरीदे जा रहे हैं।
जस्टिस े सिकरी की आंखों में आए आंस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी की आंखें बुधवार को नम हो गईं। वह कोर्ट परिसर में ही रोने लगे। मगर उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल रहे थे। दरअसल, कार्यालय में अपने आखिरी दिन न्यायाधीश के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने जो सम्मान उन्हें दिया, उसे देखकर वह भाव-विभोर हो गए। न्यायमूर्ति सीकरी भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के साथ बैठे थे, तब वकीलों के एक समूह ने निवर्तमान न्यायाधीश को गर्मजोशी से विदाई दी। सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की ओर से आभार व्यक्त करने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पहले खड़े हुए। सरकार के विधि अधिकारी ने कहा कि हम सभी इस इमारत में मिस करेंगे। दिलचस्प बात यह थी कि तुषार मेहता के बाद, जिस वकील ने जस्टिस सीकरी के सम्मान में बोला, उसका नाम अर्जन सीकरी था। इस पर जस्टिस सीकरी ने कहा कि ओह… तो आप अर्जुन सीकरी हैं। इसके बाद वकील ने कहा कि वे सभी उनके जैसे ईमानदार और मजबूत न्यायाधीश के साथ काम करके कृतज्ञ थे। अधिवक्ता अशोक अरोड़ा और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना ने इससे बाद जस्टिस सीकरी का आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि न्यायमूर्ति सीकरी दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अध्यापन जारी रखेंगे।
इस समय तक, जस्टिस सीकरी की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह मेरी वास्तविक संपत्ति है। सीट से उठते समय अपने आंसू पोंछते हुए न्यायमूर्ति सीकरी ने बार के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और आंतिम बार न्यायाधीश के रूप में कोर्ट को छोड़ दिया।
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