तमाम राजनीतिक दल सरकार की कार्यवाही के साथ
नई दिल्ली ,26 फरवरी (आरएनएस)। नियंत्रण रेखा के पार चल रहे आतंकी शिविरों पर भारत के हवाई हमले को लेकर मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सभी दलों ने भारतीय वायु सेना की इस जवाबी कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वे सरकार के साथ हैं।
मंगलवार को यहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों को आज तडके पीओके में जैश के आतंकी कैंपों को हवाई हमले के जरिए ध्वस्त करने की जानकारी दी, जिसमें 300 से ज्यादा आतंकी भी मारे गये हैं। पुलवामा आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों को यह बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। आतंकियों के खिलाफ इसे बड़ी कार्रवाई की तरह देखा जा रहा था। लेकिन देश को बड़ी कार्रवाई का इंतजार था। बैठक में बताया गया कि 26 फरवरी को तड़के साढ़े तीन बजे के आसपास भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमान पीओके और खैबर पख्तुनख्वा में घुसे और करीब 300 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। इस हमले के बाद पकिस्तानी हुक्मरानों में दहशत है। लेकिन भारतीय विदेश सचिव ने साफ किया कि ये पाकिस्तान पर हमला नहीं है बल्कि उन ताकतों को निशाना बनाया गया जिनकी निगाहें भारत के खिलाफ उठी थी।
सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से बयान आया है कि ये एक मिलिट्री ऑपरेशन नहीं था बल्कि एंटी टेरर ऑपरेशन था। सर्वदलीय बैठक की खास बात थी कि इसमें कोई सैन्य अधिकारी नहीं मौजूद था। सभी दलों ने इस तरह के ऑपरेशन को समय की मांग बताया। विपक्ष ने इस मौके पर भारतीय फौज की बधाई दी। इसके साथ ही जम्मू- कश्मीर के बाहर रहने वाले कश्मीरी लोगों की सुरक्षा की मांग की। इसके साथ ही पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह की जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विपक्षी दलों के नेताओं को बताया कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से बात की है।
कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद ने कहा कि हमने सुरक्षाबलों के इस अभियान की सराहना की है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी दल सुरक्षाबलों के साथ हैं। सबसे बड़ी बात है कि ये एक सफल ऑपरेशन था जिसमें आंतकी और आतंकी संगठनों के कैंपों को सफलापूर्वक ध्वस्त किया गया। इस संबध में नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई थी। इस बैठक में अलग अलग दलों के नेता शामिल थे। बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से विपक्ष के नेताओं को जानकारी दी जाएगी।
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