सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने भी सरकार के साथ मिलाया सुर

नई दिल्ली ,16 फरवरी (आरएनएस)। केंद्र सरकार पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ जोरशोर के साथ एक्शन मोड़ में है। भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रोत्साहित कर रहे पाकिस्तान को जवाब देने के लिए एमएफ एन का दर्जा खत्म करने के बाद सरकार की आतंकवाद खात्मे की प्रतिबद्धता में तमाम विपक्षी दलों ने भी सरकार और देश के साथ एकजुटता के साथ खड़े रहने की कसम खाई है।
शनिवार को यहां संसद भवन में सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह सभी दलों के नेताओं को पुलवामा हमले के बारे में जानकारी दी और सरकार द्वार की जा रही कार्यवाही से भी अवगत कराया। इस बैठक में पुलवामा आंतकी हमले की निंदा और आतंकवाद के खिलाफ सर्वसम्मिति से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। बैठक में सभी दलों ने सीआरपीएफ के शहीद हुए 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस बैठक में जहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद की यह हरकत कायराना है और जम्मू कश्मीर से आतंक खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भूलने वाली नहीं है और इसको लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हुए पुलवामा हमले के मद्देनजर संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अपनी श्रीनगर यात्रा को साझा किया और कहा कि सैन्य बलों का मनोबल ऊंचा है और सैन्यकर्मियों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपना संकल्प व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैन्य बलों को आतंकियों और मुजरिमों पर कार्रवाई करने की खुली छूट दी है। सरकार ने प्रारंभ से ही आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अधिकांश लोग शांतिप्रिय है परन्तु कुछ ऐसे लोग भी है जो सीमापार से संचालित आतंकियों गुटों से सहानुभूति रखते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि सैन्य बलों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुट है। सरकार अपने देश से आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प है। राजनाथ सिंह ने कहा कि बैठक ने विश्व समुदाय को संदेश दिया है कि देशहित के मामलों में कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरा देश एकजुट है। वहीं बैठक में शामिल हुए तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने एक स्वर में आतंकवाद के खात्मे के लिए सरकार को भरोसा दिया कि वे देश और सरकार के साथ खड़े रहेंगे। इस बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर सर्वसम्मिति से प्रस्ताव भी पारित किया गया। बैठक में कांग्रेस, एआईएडीएमके, एनसीपी, टीडीपी, एसपी, एआईटीसी, एएपी, बीएसपी, बीजेडी, एलजेपी, आरएलएसपी, आईएनएलडी, सीपीआई (एम), सीपीआई, आरजेडी, एसएडी, आईयूएमएल, आरपीआई (ए), जेकेएनसी, एनपीएफ और टीआरएस पार्टियों के सदन के नेताओं ने भाग लिया। केन्द्रीय संसदीय मामलों, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी बैठक में उपस्थित थे।
आतंकी हमले पर निंदा प्रस्ताव
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मिति से पारित प्रस्ताव में जहां 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई और कहा गया कि इस दुख की घड़ी में हम सब देशवासियों और शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हैं। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि हम सीमा पार से समर्थन मिल रहे आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा करते हैं। इसके अलावा पारित प्रस्ताव में कहा गया कि भारत पिछले 3 दशकों से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है, जिसे सीमा पार से प्रोत्साहन मिल रहा है। भारत इन चुनौतियों का मिलकर मुकाबला कर रहा है और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में पूरा देश एकसाथ है। हम आतंकवाद से लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।
आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ विपक्ष:आजाद
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस समेत सारा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है और सरकार इस हमले का बदला जरूर लेगी।
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि देश की सुरक्षा और सुरक्षाबलों की रक्षा के लिए कांग्रेस व तमाम विपक्षी दल सरकार के साथ एकजुटता के खड़े रहेंगे और आतंकवाद के खात्मे के लिए हर सख्त कार्यवाई पर पूरा समर्थन रहेगा। कश्मीर हो या हिन्दुस्तान का कोई भी हिस्सा हो आतंकवाद के खिलाफ लडऩे के लिए कांग्रेस सरकार के साथ होगी। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा सर्वदलीय बैठक में गृहमंत्री राजनाथ से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मुद्दे पर सभी राष्ट्रीय दलों और क्षेत्रीय दलों के अध्यक्ष व प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाकर उनसे विचार विमर्श करना चाहिए। सरकार की ओर से मिले संकेत के अनुसार पीएम मोदी जल्द ही इस बैठक को बुलाकर चर्चा कर सकते हैं।
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