तीन तलाक विधेयक को रद्द करने पर कांग्रेस

नई दिल्ली ,10 फरवरी (आरएनएस)। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा है कि वह तीन तलाक विधेयक पर दिए अपने बयान पर कायम हैं। देव ने कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो पार्टी मुस्लिम समुदाय के भीतर चर्चा से निकले विकल्पों पर जाने के बजाए तीन तलाक विधेयक को रद्द करेगी।
देव ने कहा कि गत गुरुवार की बैठक में तीन तलाक को अपराध करार देने वाले सभी कानूनों को कांग्रेस बदाश्र्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, और उसके बाद मैंने यह भी कहा था कि जो भी कानून महिला सशक्तिकरण के लिए हैं, हम उन कानून का समर्थन करेंगे। लेकिन हम (तलाक के) अपराधीकरण का समर्थन नहीं करेंगे। कांग्रेस के अल्पसंख्यक सम्मेलन में गुरुवार को पार्टी की महिला शाखा की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा था कि अगले चुनाव में सत्ता में आने पर पार्टी तीन तलाक विधेयक को रद्द कर देगी। उन्होंने कहा कि संसद के अंदर और बाहर हमारा रुख समान है। हम तीन तलाक के अपराधीकरण का विरोध कर रहे हैं और करते रहेंगे। और इसके पीछे ठोस कानूनी कारण हैं। आम आदमी इसे समझता है। विकल्प के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा विषय है, जिस पर समुदाय के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आप उस समुदाय के लिए एक मसीहा बनकर समाधान नहीं निकाल सकते। आपको उनसे परामर्श करना होगा, जो कि इस सरकार ने नहीं किया है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक और लोकसभा में पारित विधेयक पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को जाता है, न कि मोदी सरकार को। उन्होंने कहा, तलाकशुदा पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण का प्रावधान पहले से ही मौजूदा कानूनों में शामिल है। मोदी सरकार इसमें केवल एक चीज लाई है और वह है अपराधीकरण, जो कि अवांछित और बेवजह है। मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक राज्यसभा में लंबित है और कांग्रेस नीत विपक्ष चाहता है कि इसे व्यापक चर्चा के लिए सदन की प्रवर समिति के पास भेजा जाए।
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