सफलता पर ‘शहरी समृद्धि उत्सव मनायेगी सरकार
नई दिल्ली ,18 जनवरी (आरएनएस)। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय शहरी क्षेत्रों में निर्धन कल्याण योजनाओं की कामयाबी को ‘शहरी समृद्धि उत्सवÓ के रूप में देशव्यापी स्तर पर आगामी एक फरवरी से मनाएगा।
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को बताया कि एक से 15 फरवरी तक चलने वाले उत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में और राज्यों के स्तर पर सभी प्रदेशों की राजधानी और प्रमुख शहरों में मनाया जायेगा। पुरी ने बताया कि मंत्रालय द्वारा संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई एनयूएलएम) के तहत शहरी गरीबों के उत्थान की विभिन्न योजनाओं की पांच साल की कामयाबी और इन योजनाओं के लाभ से अधिकतम लोगों को जोडऩे में यह आयोजन मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि एक पखवाड़े तक चलने वाले इस उत्सव में मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह बनाने वाली 34 लाख शहरी निर्धन महिलायें, सरकारी सहायता प्राप्त 16 लाख रेहड़ी पटरी वाले और बेघरों के लिये निर्मित 1100 स्थायी आश्रय गृहों के लाभार्थी हिस्सा लेंगे। पुरी ने बताया कि मिशन के अंतर्गत शहरी गरीबों के उत्थान से जुड़ी प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, जनधन योजना, सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति योजना और राष्ट्रीय पोषाहार मिशन के वांछित लाभार्थियों की पहचान के लिये मंत्रालय ने सुरक्षा सर्वेक्षण किया जा रहा है। आगामी 31 जनवरी तक इस काम को पूरा कर एक फरवरी से शुरु हो रहे शहरी समृद्धि उत्सव में इन योजनाओं के लाभार्थियों को योजनाओं से संबद्ध होने के प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। जिससे ये लोग भविष्य में भी इन योजनाओं को अबाध लाभ उठा सकें और अन्य जरूरतमंदों को भी इन योजनाओं का लाभार्थी बनने के लिये प्रेरित कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिये मिशन के अंतर्गत शहरी सहभागिता मंच गठित करने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान राष्ट्रीय आयोजन में स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया जायेगा। वहीं रेहड़ी पटरी वालों का राष्ट्रीय सम्मेलन, स्ट्रीट फूड फेस्टिवल और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की कार्यशाला आयोजित होगी। राज्य स्तरीय आयोजन में पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रोजगार मेलों का आयोजन, कौशल विकास कार्यशालायें और स्वयं सहायता समूहों की उपलब्धियों की प्रदर्शनी आयोजित होंगी। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने मिशन के अंतर्गत गठित 34 लाख शहरी निर्धन महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की 8.9 लाख सदस्यों को कौशल विकास प्रशिक्षण देने और इनमें से 4.6 लाख लाभार्थियों को रोजगार देने, 8.5 लाख लोगों अथवा समूहों को रियायती दर पर ऋण देने, बेघरों के लिये निर्मित 1098 स्थायी आश्रय स्थलों में 60 हजार लोगों को आश्रय देने और 2430 शहरों के 16 लाख रेहड़ी पटरी वालों की पहचान कर इन्हें पहचान पत्र जारी करने का दावा किया है।
००