शिक्षक पंचायत को नहीं माना जा सकता शासकीय कर्मी : हाईकोर्ट
रायपुर, 16 जनवरी (आरएनएस)। शिक्षक पंचायत को शासकीय कर्मचारी नहीं माना जा सकता, पंचायत स्वतंत्र संस्था है, जिसे नियुक्ति और नियम बनाने का अधिकार है।
हाईकोर्ट का यह निर्देश एक बार फिर से सामने आया है। इस बार हाईकोर्ट ने यह फैसला एक शिक्षाकर्मी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है, जिसमें शिक्षाकर्मी ने पंचायत शिक्षक रहते हुए शासकीय कर्मचारी की तरह सिविल जज परीक्षा में आयु सीमा में छूट न मिलने के कारण लगाई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सिंगल बेंच के निर्णय को जायज बताते हुए यह फैसला दिया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में आयोजित सिविल जज की परीक्षा में भाटापारा निवासी शिक्षाकर्मी वर्ग-3 और वर्तमान में शिक्षक पंचायत के पद पर कार्यरत हरनारायण यादव ने भाग लिया था। श्री यादव ने प्रारंभिक और लिखित परीक्षा क्लीयर कर लिया था, लेकिन उसे साक्षात्कार में शामिल नहीं किया गया था। श्री यादव को बताया गया कि परीक्षा में शामिल होने की उसकी अधिकतम आयु सीमा पूर्ण हो चुकी थी, लिहाजा उसे भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। इसी प्रकरण को लेकर श्री यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी, उसने दोबारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और इस बार चीफ जस्टिस ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी याचिका फिर से खारिज कर दी है।