पश्चिम बंगाल में नहीं दी रथ यात्रा निकालने की अनुमति

नई दिल्ली ,15 जनवरी (आरएनएस)। पश्चिम बंगाल में भाजपा की रथयात्रा निकालने की योजना को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा की रथयात्रा को मंजूरी देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भाजपा की स्टेट यूनिट राजनीतिक बैठकें और रैलियां कर सकती है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगर भाजपा रथयात्रा के लिए नए सिरे से योजना बनाती है तो उसपर बाद में विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की रथ यात्रा से सौहार्द बिगड़ेगा। कोर्ट ने बीजेपी से रथयात्रा को लेकर एक नया शेड्यूल राज्य सरकार को देने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार भाजपा के नए यात्रा शेड्यूल पर संवैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखकर फैसला ले, ताकि इनका मौलिक अधिकार प्रभावित न हो। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भाजपा की रथयात्रा को यह कहकर मंजूरी देने से इनकार किया था कि इससे सूबे में सौहार्द बिगड़ेगा। बाद में भाजपा ने इस फैसले को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने रथयात्रा की मंजूरी दे दी थी, लेकिन डिविजन बेंच ने रथयात्रा को मंजूरी नहीं दी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
राज्य सरकार दे रथ यात्रा की अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि भारतीय जनता पार्टी को उसकी प्रस्तावित ‘गणतंत्र बचाओ यात्राÓ के तहत सार्वजनिक सभाऐं और रैलियां आयोजित करने की अनुमति दी जाये। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई से कहा कि वह अपनी प्रस्तावित रथ यात्रा का संशोधित कार्यक्रम प्राधिकारियों को देकर उनसे आवश्यक मंजूरी प्राप्त करे। पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि संविधान में प्रदत्त बोलने ओर अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार को ध्यान में रखते हुये भाजपा की रथ यात्रा के परिवर्तित कार्यक्रम पर विचार करे। पीठ ने कहा कि संभावित कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार की आशंकाओं को ‘निराधारÓ नहीं कहा जा सकता। भाजपा को तर्कसंगत तरीकों से इन आशंकाओं को दूर करने के लिये सभी संभव कदम उठाने होंगे।
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