मोदी ने खींची भ्रष्ट परिवार बनाम ईमानदार पीएम की चुनावी लकीर

नई दिल्ली ,12 जनवारी (आरएनएस)। भाजपा की राष्टï्रीय परिषद की बैठक के अंतिम दिन अपने समापन भाषण में आगामी चुनाव को भ्रष्टï परिवार बनाम ईमानदार पीएम का नारा दे कर पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी की आगामी चुनाव की लकीर खींच दी। पीएम ने कहा कि अगला आम चुनाव सल्तनत बनाम संविधान की लड़ाई है जिसमें पहली बार एक व्यक्ति (खुद) के खिलाफ बना गठबंधन भ्रष्टïाचार करने की आजादी के लिए मजबूत सरकार की जगह मजबूर सरकार चाहता है। पीएम ने कहा कि पूरे कार्यकाल में उन पर एक भी दाग लगा पाने में नाकाम रही कांग्रेस अब गालीगलौज पर उतर आई है। हालांकि इससे देश का चौंकीदार न तो झुकेगा और न ही किसी को छोड़ेगा।
आम चुनाव से ठीक पहले की इस बैठक में पीएम ने अपने सवा घंटे के भाषण में सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस पर कई सियासी वार किए। पीएम ने कहा कि अगला चुनाव एक सल्तनत (परिवार) बनाम संविधान को मानने वालों केबीच जंग है। देश ने आजादी के बाद से ही पार्टियों के खिलाफ सियासी गठबंधन देखा है। यह पहली बार है जब किसी व्यक्ति के खिलाफ कांग्रेस विरोध में जन्मे और कांग्रेस की कोख से निकले दल एकजुट हो रहे हैं। वह भी उस पार्टी और परिवार केलिए जिसे देश ने अपने शासनकाल में 12 लाख करोड़ रुपये की लूट करते देखा। एकजुट हो रहे दल दरअसल केंद्र में उनकी जैसी मजबूत सरकार नहीं बल्कि मजबूर सरकार चाहते हैं। जिससे उन्हें भ्रष्टïाचार की आजादी मिले। अब पोल खुलने पर कांग्रेस मेरे खिलाफ गालीगलौज पर उतर आई है।
सीबीआई पर प्रतिबंध लगाने पर
पीएम ने कहा कि सत्ता में रहते कांग्रेस केसीबीआई से बहुत प्रेम था, सत्ता जाते ही उसे इसे जांच एजेंसी ही नहीं देश के उन सभी संस्थाओं से नफरत हो गई है। कभी इसी परिवार और सल्तनत की शह पर सीबीआई लगातार 12 साल तक उनके पीछे लगी रही। मुझे किसी भी तरह फंसाने केलिए इस एजेंसी का जम कर दुरुपयोग हुआ। हालांकि तब भी गुजरात का सीएम रहते न तो उन्होंने या किसी अन्य भाजपा सरकार ने सीबीआई पर प्रतिबंध लगाया। ऐसा इसलिए कि हम संविधान को मानने वाले लोग हैं। हमें संविधान पर भरोसा है। जबकि यह परिवार खुद क संविधान से ऊपर मानता है। इसलिए मैं कहता हूं कि अगले चुनाव में हम जैसे संविधान को मानने वाले लोगों का सल्तनत और परिवार से मुकाबला है।
पटेल रहते तो कुछ और होता देश
पीएम ने कहा कि आज भी कई लोगों का मानना है कि अगर सरदार पटेल देश के पहले पीएम होते तो देश की तस्वीर कुछ और होती। इसी प्रकार अगर 2004 में यूपीए की जगह वाजपेयी सरकार होती तो भारत आज कहीं और खड़ा होता। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में जनता राष्टï्रधर्म का भागीदार बनने की राह पर स्वेच्छा से चल पड़ी है। क्योंकि इन्हें सरकार एक-एक पाई का हिसाब दे रही है। जरा सोचिये इस छोटे से कार्यकाल में सरकार ने 12 लाख लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन दिया है। हर गांव बिजली से रोशन किया है। 7 लाख मिट्रिक टन दलहन और 95 लाख मिट्रिक टन अनाज खरीदा। अगर यह सरकार भी यूपीए सरकार की राह पर चल रही होती तो देश लगातार पांच साल तक सबसे तेजी से बढ़ता अर्थव्यवस्था नहीं होता और हमें इन कामों को पूरा करने में 20 साल और लगते।
कांग्रेसी राज में भगोड़े हुए उपकृत
पीएम ने कहा कि आजादी के बाद से वर्ष 2007 तक बैंकों ने जितना ऋण नहीं दिया, उससे तीन गुना ज्यादा ऋण यूपीए कार्यकाल के महज 6 साल में लुटा दिए गए। वह भी कांग्रेस प्रोसेस से। जिसमें बैंक गांरटी सहित अन्य दस्तावेजों की जगह एक फोन कराने की जरूरत थी। लोन चुकाए बिना फिर से लोन देने की परंपरा शुरू की गई, क्योंकि ये लोग एक भ्रष्टï सरकार की लूट में साझीदार थे। हमारी सरकार ने लोन का कांग्रेस प्रोसेस बंद किया। पांच लाख करोड़ वापस लाए। जब बैंकों ने इन पर रकम लौटाने का दबाव बनाया तो सभी विदेश भाग गए। पीएम ने कहा कि अभी तो बस एक ही (मिशेल क्रिश्चयन) आया है। और लोग भी आएंगे। क्योंकि चौंकीदार न झुकेगा और न ही किसी को छोड़ेगा।
हमारे लिए किसान अन्नदाता कांग्रेस के लिए मतदाता
पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने कभी कांग्रेस की तरह किसानों को मतदाता नहीं बल्कि भगवानतुल्य अन्नदाता माना। इसी कड़ी में स्वामीनाथ कमीशन की सिफारिशें लागू कर फसल का लागत से डेढ़ गुना मूल्य उपलब्ध कराया। सिंचाई सहित कई योजनाओं का लाभ धीरे धीरे सामने आएगा। पीएम ने कहा कि हम यह नहीं मानते कि इस वर्ग के लिए सब कुछ हो गया है। बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हम ईमानदारी से दिन रात एक कर इस दिशा में काम कर रहे हैं।
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