फ्लोराइड युक्त पानी पीकर तिल-तिल कर मरने के लिए मजबूर गेरागुड़ावासी

बीजापुर, 12 जनवरी (आरएनएस)। संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राय: सभी ओर खनिज मिश्रित पानी का हेण्ड पंपों व बोरिंग तथा कुओं से मिलना सामान्य सी बात है। यहां के लोगों को निस्तार व पीने के लिए इसी का ही सहारा रहता है। चाहे वह खनिज मिश्रित हो अथवा लौह तत्व युक्त। ऐसा ही एक गांव दक्षिण बस्तर की बीजापुर जिले के अंतर्गत मुख्यालय से 60-65 किमी दूर ग्राम गेरागुड़ा है। जहां के हेण्ड पंपों व कुओं से फ्लोराइड युक्त पानी प्राप्त होता है और फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से यह समूचा का समूचा गांव अपंगता का शिकार होकर तिल-तिल कर मरने के लिए विवश हो जाता है।

इस गांव में शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं है और आसपास भी इसकी उपलब्धता नहीं हो पाती है। विवशतावश इस गांव के लोगों को यह पानी पीना पड़ता है। फ्लोराइड जहर युक्त पानी पीने से अल्प समय में ही ग्रामीणोंं के शरीर में अपंगता दिखने लगती है। इस गांव में 8 से 40 वर्ष तक की आयु का प्राय: प्रत्येक व्यक्ति कुबड़ा होकर लाठी के सहारे से शरीर की जर्जरता के साथ अपना जीवन व्यतीत करता है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »