लोकसभा में अंतिम दिन हुआ ज्यादा कामकाज

नई दिल्ली ,08 जनवारी (आरएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन जहां लोकसभा में ज्यादा कामकाज हुआ और प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला, जहां किसी भी दल के सदस्य ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी नहीं की। वहीं राज्यसभा में मंगलवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित हो गई और हंगामे के कारण दोपहर बाद भी कई बार स्थगित करनी पड़ी।
संसद के शीतकालीन सत्र के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार संसद का सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक निर्धारित है। निचले सदन में पहले दिन से ही कांग्रेस राफेल मुद्दे को उठा रही है, जबकि अन्नाद्रमुक कोवरी नदी पर बांध बनाये जाने का विरोध कर रही है। तेलुगू देसम पार्टी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रही है। समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश में खनन मामले में सीबीआई छापेमारी से जुड़े विषय को सोमवार को उठाया। सदस्यों के शोर शराबे एवं कामकाज में बाधा डालने के कारण अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्यों समेत 49 सदस्यों को सदन में कामकाज की शेष अवधि के लिये निलंबित कर दिया गया। मंगलवार को निचले सदन लोकसभा में अंतिम दिन ऐसा रहा जब प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला। वहीं लोकसभा में नागरिक संशोधन विधेयक, व्यवसाय संघ संशोधन विधेयक, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधन विधेयक, और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं नौकरियों में 10 आरक्षण प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने संबंधी संविधान 124वां संशोधन विधेयक पेश किया गया और डीएनए प्रौद्योगिकी प्रयोग और लागू होना विनियमन विधेयक को चर्चा के बाद लोकसभा में पारित करा लिया गया है।
राज्यसभा में नहीं हुआ कामकाज
उच्च सदन राज्यसभा में मंगलवार को भी सीबीआई के कथित दुरूपयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर सपा एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर बाधित रही और पांच बार के स्थगन के बाद अपराह्न साढ़े तीन बजे कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सुबह शुरू हुई कार्यवाही के दौरान जमकर हुए हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल पाए। मंगलवार को बैठक शुरू होने पर सभापति एमण् वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और कहा कि उन्हें कुछ सदस्यों की ओर से अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं, लेकिन उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। तभी सदन में सपा सदस्यों ने अपने पार्टी नेताओं के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर और कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य दलों ने अपने अपने मुद्दों पर हंगामा शुरू कर दिया। नायडू ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। सपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे। कांग्रेस के कुछ सदस्य राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। बाद में कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समक्ष आ गए। इसी हंगामे के बीच ही जगत प्रकाश नड्डा ने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक चर्चा के लिए रखा।
उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से शांत होने और सदन चलने देने का आग्रह किया। सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने दो बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद बैठक शुरू होने पर पीठासीन उपसभापति टी शिवा ने पहले दो बजकर 45 मिनट तक के लिए और फिर दोपहर बाद तीन बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। तीन बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा कायम रहा। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में सहमति बनी थी और उसी के आधार पर चर्चा की शुरूआत की गयी है। उन्होंने एक बार फिर सदस्यों से शांत होने की अपील की। अपनी अपील का असर नहीं होते देख उन्होंने पहले तीन बजकर तीस मिनट तक के लिए और उसके बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र के लिए पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार आज कार्यवाही का आखिरी दिन था, लेकिन उच्च सदन की बैठक एक दिन के लिए और बढ़ा दी गयी है और बुधवार को भी राज्यसभा की बैठक में लंबित मामलों को निपटाने का प्रयास किया जाएगा।
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