भागवत और शाह ने राममंदिर पर बनाई रणनीति!

नई दिल्ली ,22 दिसंबर (आरएनएस)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और हिंदू संतों ने अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर निर्माण को लेकर आगे के रास्तों पर चर्चा की।
यह जानकारी यहां नई दिल्ली में धार्मिक नेताओं ने देते हुए बताया कि अहमदाबाद से 210 किलोमीटर दूर राजकोट में दो दिवसीय हिंदू आचार्य सभा बैठक में मौजूद भागवत और संतों ने स्पष्ट रूप से विचार व्यक्त किया कि मंदिर का निर्माण मई 2019 से पहले शुरू हो जाना चाहिए जब नरेंद्र मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्त होगा। हिंदू नेताओं ने बताया कि बैठक में शाह ने भरोसा दिया कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण होगा। इस बैठक में हिस्सा लेने वाले आचार्य सतगिरि महाराज ने कहा कि मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। एक रास्ता विधिक रास्ता है, जिस पर नेता अपना काम कर रहे हैं। संतों ने कहा कि वे राममंदिर निर्माण को जितना जल्दी संभव हो आगे बढ़ाना चाहते हैं।ÓÓ राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले सतगिरि महाराज ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि वे दो-तीन महीने में कुछ करेंगे।
उच्चतम न्यायालय द्वारा बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि मालिकाना हक विवाद पर जनवरी में सुनवायी किये जाने की उम्मीद है। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा को मंदिर का निर्माण 2019 से पहले शुरू करने का एक अल्टीमेटम दिया गया, सतगिरि ने ना में जवाब दिया। सतगिरि ने कहा कि मोहनजी ने अपनी इच्छा व्यक्त की कि राममंदिर का निर्माण 2019 चुनाव से पहले शुरू होना चाहिए लेकिन कोई अल्टीमेटम नहीं दिया गया। एक अन्य संत ने कहा कि शाह ने बैठक में विधिक मामले की जानकारी साझा की और उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले की सुनवायी जनवरी में लिये जाने की संभावना के बारे में बात की। संत ने कहा कि शाह ने हमें भरोसा दिया कि मंदिर का निर्माण उसी स्थल (अयोध्या में वहीं जो कि विवादों में है) पर होगा। सूत्रों के अनुसार यह बैठक राजकोट में अर्ष विद्या मंदिर में हुई जिसमें करीब 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। आरएसएस सहित हिंदुत्व संगठनों ने पिछले कुछ महीनों में मंदिर निर्माण जल्द करने को लेकर अपनी मांग तेज कर दी है और भागवत सहित कई इसके लिए कानून बनाने पर जोर दे रहे हैं।
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