अजनबी नहीं अब रिश्तेदार से ही हासिल करना होगा किराए की कोख

नई दिल्ली ,19 दिसंबर (आरएनएस)। किराए का कोख मामले में महिलाओं को कई तरह के शोषण का शिकार होने से बचाने के लिए लोकसभा ने बुधवार को सरोगेसी बिल पारित कर दिया। इसके तहत अब किसी दंपति या व्यक्तिगत रूप से किराए की कोख हासिल करने की राह बेहद कठिन कर दी गई है। इसके लिए इच्छुक दंपति को सबसे पहले बच्चे पैदा करने में असमर्थन होने का प्रमाण पत्र देने केसाथ साथ इसकेलिए अपने किसी रिश्तेदार का ही चयन करना होगा। इसकेअलावा अब सरोगेसी के तहत प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने और इसके व्यावसायिक इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बिल पर विभिन्न दलों ने कई सुझाव तो दिए मगर किसी ने इसका विरोध नहीं किया।
बिल पेश करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डïा ने कहा कि किराए की कोख मामले में महिलाओं के व्यापक शोषण की खबरें आ रही थी। प्रभावी लोग इसे मखौल बना रहे थे। यह महिलाओं की गरिमा से जुड़ा मामला है। इसके दुरुपयोग को रोकने केलिए कोई भी महिला अपने अंडाणु दे कर एक बार ही किराए की कोख में पाल सकती है। बच्चे के इच्छुक दंपति सरोगेसी के लिए अपने किसी रिश्तेदार का ही चयन कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे दंपति किराए का कोख देने वाली महिलाओं को नकद रकम नहीं दे सकते। उन्हें सिर्फ दवाईयां और अस्पताल का खर्च ही देने का अधिकार होगा। अकेले व्यक्ति को किराए की कोख मिलने पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। राज्यसभा से पारित होते ही यह बिल कानूनी जामा पहन लेगा।
किसने क्या कहा
सरोगेसी का व्यपाक दुरुपयोग हो रहा था। दुनिया केकई देश सरोगेसी केलिए भारत का रुख करते हैं। महिलाओं का शोषण और अपमान पर प्रतिबंध कोई ठोस रास्ता नहीं था। इसके कानून बनने के बाद स्थिति में व्यापक सकारात्मक बदलाव आएगा।
जेपी नड्डïा, स्वास्थ्य मंत्री
इसका व्यापक दुरुपयोग हो रहा था। फिल्म और फैशन की दुनिया से जुड़े लोग अपने फिगर को बनाए रखने केलिए सरोगेसी का इस्तेमाल करते थे। अब इस पर प्रतिबंध लगेगा।
काकोली मजूमदार, टीएमसी सांसद
कानून बनना चाहिए, मगर इसमें सरकार ने संसदीय कमेटी के कई सुझावों पर विचार तक नहीं किया है। कई देशों ने दुरुपयोग केकारण इस पर प्रतिबंध भी लगाया है।
भार्तृहरि मेहताब, बीजेडी सांसद
प्रजनन शक्ति होने के बावजूद कई मामलों में मां और पिता कई बार बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं रहते। ऐसे वर्ग का ख्याल रखा जाना चाहिए और इसे आधुनिक बनाया जाना चाहिए।
बिल वक्त की जरूरत है। खासतौर से महिलाओं की अधिकारों की रक्षा और उन्हें शोषण से बचाने केलिए। इस दिशा में यह बिल परिपूर्ण है।
निशिकांत दुबे, भाजपा सांसद
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