पूरे देश में लागू की वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना

0-किसी भी राज्य में गरीब ले सकेंगे राशन
0-8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को भी फायदा होगा
नई दिल्ली,14 मई (आरएनएस)। कोरोना संकट में लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट में फंसे देश को उबारने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज यानि आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान करते हुए सरकार ने प्रमुख रुप से नौ घोषणाएं की हैं, जिनमें प्रवासी मजदूर, छोटे किसान, स्ट्रीट वेंडर इत्यादि को इसका लाभ मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना का किया ऐलान करते हुए कहा कि इसके जरिए प्रवासी कामगार देश के किसी भी कोने पर राशन का लाभ उठा पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद दी जाएगी। इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा। मुफ्त अनाज का सारा खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी। इसके लिए खासकर महिलाओं के लिए रात्रि के वक्त काम पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन्स लाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि देश भर में एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है कि जो प्रवासी मजदूर जहां हैं अगर वो चाहें तो वहां पर भी अपने आप को रजिस्टर कराकर वहां काम ले सकते हैं। सरकार न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव को खत्म करेगी और सभी मजदूरों का साल में एक बार हेल्थ चेकअप होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों का कल्याण हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है। न्यूनतम मजदूरी वर्तमान में केवल 30 प्रतिशत श्रमिकों पर लागू होती है। हम इसे सार्वभौमिक बनाना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की मदद मनरेगा के माध्यम से कैसे की जाए उसके लिए हम योजना लेकर आए हैं। 13 मई तक 14.62 करोड़ दिन जनरेट किए जा चुके हैं। इस पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका हैं। राज्य आपदा राहत पैकेज के माध्यम से लगभग 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों के लिए की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि बेघर लोगों को 3 वक्त का खाना दिया जा रहा है। उनके लिए पैसे की भी व्यवस्था की गई है।
किसानों के लिए बड़ा पैकेज
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि किसानों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया है। कृषि के क्षेत्र में पिछले मार्च और अप्रैल के महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए, जिसकी राशि लगभग 86,600 करोड़ रुपये हैं और इससे कृषि क्षेत्र को बहुत बल मिला है। वित्त मंत्री ने कहा कि 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया। सरकार ने 25 लाख नए किसान कार्ड जारी किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड पर 2 लाख करोड़ रुपए की मदद
केंद्र सरकार ने 2.5 करोड़ किसानों को रियायती दर पर 2 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा। कृषि सीजन में किसानों ने बहुत मेहनत की है और उत्पादन किया है। छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधा दी जाएगी। यह नाबार्ड के 90 हजार करोड़ रुपए के अलावा है। यह पैसा कोऑपरेटिव बैक्स के जरिए सरकारों को दिया जाएगा। इसका फायदा 3 करोड़ किसानों को मिलेगा।
कैंपा फंड में 6 हजार करोड़ रुपए
रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए और ग्रामीण, आदिवसी इलाकों के लिए कैंपा फंड के तहत 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। इससे पौधारोपण, हरियाली बढ़ाने जैसे काम किए जाएंगे।
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