अब छत्तीसगढिय़ा के हाथ आई प्रदेश की कमान
रायपुर, 16 दिसंबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ की राजनीति में गुटों में बंटी कांग्रेस पार्टी को एकजुट करने, झीरम के शहीद नेताओं के सत्ता परिवर्तन के सपने को पूरा करने, आलाकमान की सभी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने तथा राज्य में 15 साल से काबिज भाजपा की सत्ता को उखाड़ फेंकने वाले ठेठ छत्तीसगढिय़ा के रूप में प्रदेश को भूपेश बघेल के रूप में अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया अध्याय लिखने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में कल साइंस कालेज मैदान में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। इधर पिछले चार दिनों से नए सीएम के नाम पर कायम सस्पेंस आज विधायक दल की बैठक के बाद खत्म हो गया। एआईसीसी से आब्जर्वर बनकर आए मल्लिकार्जुन खडग़े और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने आलाकमान से मिले लिफाफे को जब खोला तो बैठक में उपस्थित लोगों की सांसे अटकने लगी थी। श्री खडग़े और श्री पुनिया ने जैसे ही भूपेश बघेल का नाम नए मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया। बैठक में उपस्थित विधायकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का एक नया संचार हो गया। नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होते ही कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पटाखे फूटने शुरू हो गए। कार्यकर्ताओं ने नाच-गा कर और नारेबाजी कर अपनी खुशी का इजहार किया।
छग में कांग्रेस को किया मजबूत :
पीसीसी की कमान संभालने के बाद ही भूपेश बघेल ने सबसे पहले संगठन को मजबूत करने की ठानी। यह काम भी आसान नहीं था। गुटीय राजनीति में बंटे कांग्रेस को एकजुट करने की चुनौती श्री बघेल ने स्वीकार की और कांग्रेस को लगातार मजबूत किया। राज्य की सत्तासीन भाजपा के खिलाफ लंबी और खुली लड़ाई में श्री बघेल ने अनेक कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन लक्ष्य से पीछे नहीं हटे। विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पूर्ण बहुमत लाने की जिम्मेदारी आलाकमान से मिली, इस काम में भी वे सफल रहे। लिहाजा उन्हें प्रदेशवासियों के भरपूर प्यार और समर्थन के बल पर आज राज्य के नए मुखिया के रूप में चुन लिया गया।