रायपुर, 12 नवम्बर  (आरएनएस)। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर राज्य के हित में केन्द्र से अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने, राजस्व घाटा अनुदान के मापदंडों में वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर सुधार करने, जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 5 वर्षाे के लिए और जारी रखने, कोल ब्लाक आबंटन के निरस्तीकरण से छत्तीसगढ़ को देय 4140 करोड़ रूपये की राशि प्रदेश को शीघ्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री से छत्तीसगढ़ को धान से बायो एथेनॉल बनाने की अनुमति शीघ्र देने, केंद्र द्वारा पेट्रोल एवं डीजल पर सेस में कमी करने तथा केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश बढ़ाने की माँग की है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकारों के पास वित्तीय संसाधन सीमित है। कोविड के कारण विगत दो वर्षों में राज्य की आय में बड़ी कमी हुई है जिससे राज्य को लोककल्याणकारी योजनाओं के संचालन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य की आर्थिक कठिनाईयों के प्रमुख कारण एवं राज्य की मांग के बिन्दुओं को स्पष्ट करते हुए पत्र में लिखा है कि- 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राजस्व घाटा अनुदान ऐसे राज्यों को दिया जा रहा है, जो वर्ष 2020-21 से 2025-26 के पूर्व के 5 या अधिक वर्षों से लगातार बड़े राजस्व घाटे में रहे हैं। यदि यह अनुदान राज्यों को खराब वित्तीय स्थिति से उबरने के उद्देश्य से दिया जा रहा है, तो इसे पूर्व के वर्षों के राजस्व घाटे को आधार मानकर देने की बजाए वर्ष 2020-25 की अवधि में होने वाले राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति के आधार पर दिया जाना चाहिए। ऐसा करने से पूर्व में वित्तीय अनुशासन का पालन करने वाले किन्तु वर्तमान में कोविड-19 के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था तथा जीएसटी कर प्रणाली की विसंगतियों के कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी के कारण राजस्व घाटे की स्थिति निर्मित होने वाले राज्यों को भी इस अनुदान का लाभ प्राप्त हो सकेगा। अतः हमारी मांग है कि राजस्व घाटा अनुदान दिये जाने के मापदण्डों पर वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्विचार कर आवश्यक परिवर्तन किया जाए, ताकि वित्तीय अनुशासन का पालन करने वाले छत्तीसगढ़ राज्य को भी इसका लाभ मिल सके।