इस वर्ष में 159 मुठभेड़ों में 111 नक्सली हुए ढेर, 50 जवान शहीद
जगदलपुर, 04 दिसंबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में इस वर्ष पुलिस-नक्सलियों के मध्य हुई 159 मुठभेड़़ में पुलिस ने 111 नक्सली ढेरकर, 209 हथियार बरामद किये। 1079 नक्सली गिरफ्तार किए गए, वहीं 451 ने आत्मसमर्पण किया। गश्त के दौरान नक्सलियों द्वारा पुलिस दल पर किए गए 69 बारूदी विस्फोटों एवं हमलों में 50 पुलिस कर्मी कत्र्तव्य की बलिवेदी पर शहीद और 121 घायल हुए। इस दौरान नक्सलियों ने 67 आम नागरिकों की नृशंस हत्याएं की।
देश में सबसे अधिक नक्सल हिंसाग्रस्त छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में पिछले सालों के मुकाबले नक्सली घटनाओं में कमी आई है। हालंाकि नक्सलियों ने वर्ष 2018 में अपने हमले कम नहीं किये, लेकिन उनके संगठन को भी भारी नुकशान उठाना पड़ा। आकड़ें बताते हैं की कई बड़े हमले पैरामिलिट्री फोर्स ने नाकाम कर दिया, कहा जा सकता है की राज्य में नक्सलियों ने साल भर उत्पात तो मचाया, पर उन पर अंकुश लगाने में पुलिस को काफी सफलताएं भी मिली।
देश में नक्सलियों के गढ़ के रूप में चर्चित छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित क्षेत्र इस वर्ष भी अशांत रहा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जहां नक्सली सक्रिय रहे, वहीं पुलिस ने भी पूरी मुस्तैदी से नक्सल विरोधी अभियान जारी रखा। पुलिस ने कार्रवाई कर कुछ नक्सली कमाडरों समेत कई नक्सलियों को मार गिराया, वहीं कई इनामी नक्सली नेताओं को गिरफ्तार भी किया है। नक्सल उन्मूलन के तहत बस्तर के सभी सातों जिलों में अलग-अलग नामों से पुलिस ने अभियान छेड़ा, फलस्वरूप कई नक्सली संगठन छोड़ मुख्यधारा में लौटे।
सरकारी आकड़ें बताते हैं कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष बस्तर जोन में घटनाओं में कमी आई है। 1 जनवरी से 30 नवंबर तक की जानकारी के अनुसार बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में कुल 436 नक्सली अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं, जिसमें 157 मुठभेड़, मारे गये नक्सलियों की संख्या 111, गिरफ्तार नक्सलियों की संख्या 1079, समर्पित नक्सली 451, नक्सली कैम्प पर रेड 4, नक्सलियों से विभिन्न प्रकार के 209 हथियार बरामद किये गये हैं।
अधिकृत आकड़ों के मुताबिक नक्सलियों ने वर्ष 2018 में कुल 69 विस्फोट किये, सुरक्षा बलों के जवानों ने 276 आईईडी बरामद की है, जबकि 1075 डेटोनेटर और 661 जिंदा कारतूस नक्सलियों से जप्त किये गये। विभिन्न जिलों में मुठभेड़ और विस्फोट से पैरामिलिट्री फोर्सेस, जिला पुलिस बल, डीआरजी सहित बस्तर में तैनात अन्य सुरक्षा बलों के 50 जवान शहीद हुये जबकि, मुखबिरी व अन्य कारणों से 67 आम नागरिकों को अपनी जान गवानी पड़ी। 1 जनवरी से 30 नवंबर 2018 के बीच सुरक्षा बलों के 121 जवान घायल हुये, जबकि 30 आम नागरिकों को नक्सलवाद का दर्द उठाना पड़ा। विगत वर्षो में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों से लूटे गये 16 हथियार भी फोर्स ने बरामद किये हंै।
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