भारतीय संविधान हर दृष्टि से संपूर्ण : प्रमुख लोकायुक्त
रायपुर, 27 नवंबर (आरएनएस)। संविधान दिवस पर कल राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में विधि और संविधान विशेषज्ञों ने भारतीय संविधान की विशेषताओं और प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने भारतीय संविधान को हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश तथा छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोकायुक्त श्री टी. पी. शर्मा ने संविधान की प्रस्तावना का पाठन कराया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संविधान के प्रावधानों का पालन करने की शपथ भी दिलायी। कार्यक्रम में हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति न्यायमूर्ति श्री सी.बी. वाजपेयी, छत्तीसगढ़ फीस विनियामक समिति के अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री अनिल शुक्ला, छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री महेन्द्रपाल सिंघल, राज्य शासन के विधि विभाग के प्रमुख सचिव श्री रविशंकर शर्मा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाटील, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री केशरीलाल वर्मा तथा राजभवन के विधिक सलाहकार श्री एन. के. चन्द्रवंशी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि श्री टी.पी. शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संविधान को हम सब भारतवासियों ने खुद अपने लिए मिलकर बनाया है और इसे अपनाया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में अनुभव सचेतक का काम करता है। भारतीय संविधान देश की गुलामी के अनुभवों के आधार पर बनाया गया है। हमारे पूर्वजों ने परतंत्रता के दौर में जो कष्ट सहे हैं, उन्हें दूर करने के लिए हर समय प्रासंगिक रहने वाले संविधान का निर्माण किया गया है। श्री शर्मा ने कहा कि हर परिवार, गांव, राज्य और देश को चलाने के लिए विधि की जरूरत होती है। भारत के संविधान में जरूरत के अनुरूप हर पक्ष के लिए विधि की व्यवस्था की गई है। स्वतंत्रता, समानता, मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य के साथ-साथ सुरक्षा देने की व्यवस्था भी की गई है। संविधान में धर्म निरपेक्षता का प्रावधान है। इसमें सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करने और किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करने का उद्देश्य निहित है।
श्री शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान हर दृष्टि से संपूर्ण है। यह संविधान कठोर होने के साथ-साथ लचीला भी है। संविधान में जरूरत के अनुसार संशोधन का प्रावधान है। इस दृष्टि से यह लचीला है। इसी विशेषता के कारण यह उपयोगी साबित हुआ है। जिन उद्देश्यों को लेकर संविधान का निर्माण किया गया, वे सभी उद्देश्य इस संविधान से पूरे हो रहे हैं। देश की आजादी के पहले की परिस्थितियों के आधार पर निर्मित भारतीय संविधान भविष्य में भी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान नागरिकों के आचरण को भी परिभाषित करता है। संविधान में आम नागरिकों के लिए एक तरफ स्वतंत्रता और समानता का अधिकार का प्रावधान किया है, वहीं दूसरी तरफ नागरिकों के स्वच्छंद व्यवहार पर नियंत्रण का प्रावधान है। श्री शर्मा ने कहा कि संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति देश के हर व्यक्ति की आस्था है। श्री शर्मा ने संविधान दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी लोगों से संविधान के प्रावधानों का पालन करने की अपील की।
राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हमारा संविधान देश की विविधताओं का प्रतिनिधित्व करता है तथा देश को एकजुट रखता है। अनेक धर्मों, बोलियों, भाषाओं और संस्कृतियों के बीच देश को अखण्ड बनाए रखने में हमारे देश का संविधान पूर्णत: सफल साबित हुआ है। संविधान दिवस पर संकल्प लें कि हम संविधान के प्रावधानों का हर परिस्थिति में सम्मान करेंगे और उसे लागू करने में मदद करेंगे।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने कहा कि स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व के संविधान रूपी ग्रंथ को हर व्यक्ति को अपने घर में रखना चाहिए, पढऩा चाहिए और समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूरदृष्टि से इस संविधान का निर्माण किया गया है। इसमें विभिन्न देशों के संविधानों की विशेषताओं को शामिल किया गया है। संविधान में आम नागरिकों को दी गई विभिन्न प्रकार की स्वतंत्रताओं के बाद भी आज तक देश और प्रदेशों का शासन-प्रशासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार चल रहा है। मौलिक अधिकारों के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इस संविधान की खासियत है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा देश का संविधान सर्वोच्च कानून है।
हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के श्री राना नवनीत राय ने ‘वर्तमान दौर में भारतीय संविधान की प्रासंगिकताÓ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने भारतीय संविधान निर्माण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, भारतीय संविधान के उद्देश्यों, विशेषताओं और प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। श्री राय ने कहा कि भारतीय संविधान समय के साथ-साथ हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में पूर्ण रूप से सफल हुआ है। हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की सुश्री अदिति सिंह ने संविधान दिवस मनाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देशवासियों के लिए आईने के समान है, जिसे हम देखते हैं और अपने आप को संवारते हैं। नागरिकों के लिए स्वतंत्रता, समता, न्याय तथा देश की एकता और अखण्डता के लिए संविधान बनाया गया है। संविधान में लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित किया गया है।
संविधान दिवस पर विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए वाद-विवाद, भाषण, पोस्टर और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता के विजेताओं राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रमाण-पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। राजभवन की उप सचिव श्रीमती रोक्तिमा यादव ने आभार प्रदर्शन किया।
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