यूपी के दस जिले हैं सबसे प्रदूषित

नई दिल्ली ,20 नवंबर (आरएनएस)। भारत में राजधानी दिल्ली नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य के दस जिले सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। इस बात का खुलासा शिकागो यूनिवर्सिटी के पॉलिसी इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में हुआ है।
उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक प्रदूषित जिले
-पहले स्थान पर हापुड़ जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 124.13 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 11.2 साल कम हुए हैं।
-दूसरे स्थान पर बुलंदशहर जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 123.56 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 11.1 साल कम हुए हैं।
-तीसरे स्थान पर गाजियाबाद जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 119.60 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.7 साल कम हुए हैं।
-चौथे स्थान पर जीबी नगर जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 118.81 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.7 साल कम हुए हैं।
-पांचवें स्थान पर संभल जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 117.61 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.6 साल कम हुए हैं।
– छठे स्थान पर अलीगढ़ जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 117.54 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.5 साल कम हुए हैं।
-सातवें स्थान पर कासगंज जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 117.47 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.5 साल कम हुए हैं।
-आठवें स्थान पर बागपत जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 115.95 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.4 साल कम हुए हैं।
-नौवें स्थान पर बंदायू जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 115.91 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.4 साल कम हुए हैं।
-दसवें स्थान पर मेरठ जिला है, यहां का पीएम 2.5 साल 2016 में 115.86 दर्ज हुआ। इससे यहां के लोगों के जीवन के 10.4 साल कम हुए हैं।
शराब, ड्रग्स और धूम्रपान से भी खतरनाक है प्रदूषण
रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा में घुले कण अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की वार्षिक सेफ सीमा 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के भीतर होते तो भारत के लोग 4.3 साल अधिक जी पाते। प्रदूषण औसत जीवन प्रत्याशा दर में 1.8 साल की कमी कर रहा है। यह पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि धूम्रपान इसके मुकाबले कम खतरनाक है।
ये आंकड़ों हैं गवाह
-प्रदूषण से जीवन के 1.8 साल कम हो रहे हैं।
-धूम्रपान से जीवन के 1.6 साल कम हो रहे हैं।
-शराब और ड्रग्स से जीवन के 11 महीने कम हो रहे हैं।
-असुरक्षित पानी और स्वच्छता से जीवन के 7 महीने कम हो रहे हैं।
-एचआईवी एड्स से जीवन के 4 महीने कम हो रहे हैं।
-संघर्ष और आतंकवाद से जीवन के 22 दिन कम हो रहे हैं।
दुनिया के विभिन्न देशों में प्रदूषण को लेकर किए गए अध्ययन से पता चला है कि 2016 में भारत नेपाल के बाद ऐसा दूसरा देश है जहां पीएम 2.5 स्तर अधिक मापा गया है। इससे यहां के लोगों के जीवन स्तर में 4.4 साल की कमी आई है। यानी लोगों का जीवन 4.4 साल तक कम हुआ है। वहीं इस मामले में चीन में प्रदूषण के कारण लोगों के जीवन में 2.9 साल कमी आई है और अमेरिका में 0.1 साल की।
69 फीसदी बढ़ा प्रदूषण
बीते दशकों में भारत में पीएम 2.5 के स्तर में 69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साल 1998 के मुकाबले 2016 में भारत के अधिकतर जिलों में प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक हुआ है। साल 2014 से 2016 में भारत के 670 जिलों में प्रदूषण काफी अधिक पाया गया है। साल 1998 के बाद से ये साल भारत के लिए सबसे अधिक प्रदूषण वाला रहा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर साल 1998 के मुकाबले दो गुना अधिक हुआ है। अध्ययन के लिए यूनिवर्सिटी ने बीते 20 सालों की सैटेलाइट ड्राइव पीएम 2.5 का विश्लेषण किया है। इन सालों में फैक्ट्री और वाहन आदि की संख्या में बढ़ोतरी से भी प्रदूषण अधिक हुआ है।
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