न्यायालय ने ठाकुर, धूमल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की
नई दिल्ली ,02 नवंबर (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए जमीन देने के मामले में हुई कथित अनियमितताओं के संबंध में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी शुक्रवार को रद्द कर दी। न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि हम अपील को मंजूर करते हैं। दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाती है। अनुराग ठाकुर, धूमल और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने राज्य की तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार के शासनकाल में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धर्मशाला की निचली अदालत में दायर चार्जशीट और मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी।
क्या है मामला
यह मामला अनुराग के ऊपर चल रहे भ्रष्टाचार के मामले बंद करने से जुड़ा है। अप्रैल, 2014 को विजिलेंस विभाग ने भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 201 और 120बी के तहत और भ्रष्टाचार उन्मुलन अधिनियम की धारा 13 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में विजिलेंस विभाग ने ठाकुर एचपीसीए के निदेशक समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अनुराग ठाकुर और अन्य आरोपियों को कोर्ट ने बतौर आरोपी तलब किया था। उनके खिलाफ धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप था। अनुराग के वकील ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में खुद पिछली सरकार ने अपने अधिकारियों के खिलाफ मुकद्दमा चलाने की इजाजत नहीं दी, लेकिन राजनीतिक मकसद से उनके खिलाफ मुकद्दमा चलाया। इस पर कोर्ट ने तथ्यों को देखते हुए मामला रद्द करने की इच्छा जताई, लेकिन पूर्व सीएम की तरफ से पेश वकील ने इसका विरोध किया। वीरभद्र के वकील अनूप जॉर्ज चौधरी ने कहा कि कोर्ट केस रद्द करने का आदेश ना दे। इस पर कोर्ट ने पूछा कि तथ्य हमारे सामने हैं और प्रदेश सरकार भी केस वापस लेना चाहती है। वीरभद्र के वकील ने कोर्ट में कहा कि अनुराग के खिलाफ कई बाते हैं और इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
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