महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून का सख्ती से किया जा रहा है पालन
- मनोज सिंह, सहायक संचालक
रायपुर, 04 सितंबर (आरएनएस)।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ राज्य में महिला सुरक्षा के प्रति बेहत संवेदनशील हैं। महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देशों के अनुसार महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून का सख्ती से पालन किया जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है और अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए राज्य के प्रत्येक थाने में एक महिला सेल का गठन किया गया है और महिलाओं के संबंधित अपराधों की स्वतंत्र जांच भी की जा रही है ।
महिला अपराध से जुड़े लोगों को नहीं मिलेगी शासकीय नौकरी
महिला सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ये घोषणा भी की है कि महिला अपराध से जुड़े व्यक्ति को शासकीय नौकरी नहीं मिलेगी।
महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किये जा रहे प्रयास
छत्तीसगढ़ में गृह( पुलिस) विभाग द्वारा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग कई योजनाओं का संचालन कर रहा है और जन जागरूकता अभियान भी चला रहा है।
अभिव्यक्ति ऐप
महिलाओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ’’अभिव्यक्ति’’ महिला सुरक्षा ऐप विकसित किया है। इस मोबाइल एप्प का शुभारंभ 01 जनवरी 2022 को किया गया है।
’अभिव्यक्ति’ जन-जागरूकता अभियान
छत्तीसगढ़ की महिलाओं को कानून में प्रदत्त अधिकारों के बारे में जागरूक करने हेतु अभिव्यक्ति जन जागरूकता अभियान भी लगातार चलाया जा रहा है।
महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान इकाई (IUCAW)
राज्य के 06 जिलों में IUCAW का गठन किया गया है।
महिला थाना
राज्य के 04 जिलों में पृथक से महिला थाना संचालित है।
थाना स्तर पर महिला सेल
राज्य के समस्त 455 पुलिस थानों/चौकी में महिला सेल का गठन किया गया है।
जिला स्तर पर महिला प्रकोष्ठ
महिलाओं से संबंधित प्रकरणों एवं शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु जिला स्तर पर महिला प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
सीसीटीव्ही कैमरा
सार्वजनिक स्थानों में लगभग 50,000 सीसीटीव्ही कैमरे लगाये गये हैं।
पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना
यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं/उत्तरजीवियों के लिए क्षतिपूर्ति योजना – 2018 राज्य में लागू है, जिसमें अधिकतम 10 लाख रूपये तक राहत राशि दिये जाने का प्रावधान है।