9 सितंबर से 14 सितंबर तक चलेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम

० कृमि से बचाव के लिये 1 से 19 वर्ष के बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल की गोली
० रायपुर समेत राज्य के 24 अन्य जिलों में भी चलेगा कार्यक्रम अन्य 4 जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के साथ चलाया जाएगा

रायपुर, 24 अगस्त (आरएनएस)। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम 09 सितंबर से 14 सितंबर तक चलाया जाएगा इस दौरान कृमि से बचाव के लिये 1 से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य पेट के कृमि से होने वाले नुकसान से बच्चों को बचाना साथ ही उनके बेहतर शारीरिक एवं मानसिक विकास को सुनिश्चित करना है । इस बार राज्य के 24 जिलों के 84.27 लाख का लक्ष्य है। वहीं शेष 4 जिले बालोद बेमेतरा दुर्ग एवं जांजगीर चांपा में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के साथ बच्चों किशोर और किशोरियों को कृमि नाशक की दवा खिलाई जाएगी ।
संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा पत्र जारी कर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया गया है । बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए 09 सितंबर से 14 सितंबर तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान चलाया जाएगा । इस बार राज्य में 84.27 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन कराया जाएगा । छूटे हुए बच्चों को माप अप राउंड के दौरान एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी ।
कार्यक्रम के लिये गाइडलाइन के अनुसार समस्त जिलों को दिशानिर्देश भी भेजे जा चुके है। इसके लिए क्षेत्रों की एएनएम सुपरवाइजर को प्रशिक्षण भी दिया जाना है । जिसमे आयु के अनुसार एल्बेंडाजोल खिलाने की विधि बताई जाएगी। इस वर्ष बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों, एवं शासकीय विद्यालयों/ शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं / केंद्रीय विद्यालयों/ नवोदय विद्यालय/ मदरसों/ निजी स्कूलों/ अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों/ महाविद्यालयों/ तकनीकी शिक्षा संस्थानों में कृमिनाशक दवा दी जाएगी।
ऐसे खिलाई जायेगी एल्बेंडाजोल
1 साल से 2 साल तक के बच्चों को आधी एल्बेंडाजोल की टेबलेट जो कि 200 एमजी की होगी दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चुरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलायी जायेगी वहीं 2 से 3 साल के बच्चों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। जबकि 3 से 19 साल के बच्चों को 1 टेबलेट 400 एमजी की, चबाकर खिलानी होगी।
सुरक्षित है एल्बेंडाजोल की गोली
एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित है। दवा खाने के उपरांत यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव हो तो प्रबंधन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपचार की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा रहेगी। कृमि मुक्ति दिवस पर बीमार बच्चों या पहले से कोई अन्य दवाई ले रहे बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली नहीं दी जाएगी।
दिशा निर्देशों का होगा पालन
भारत सरकार के निर्देशानुसार साल में 2 बार कृमि मुक्ति कार्यक्रम मनाया जाता है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की भागीदारी होती है। कार्यक्रम के दौरान कोविड 19 से संबंधित जारी दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा । जिन घरों में कोविड 19 के सक्रिय केस होंगे वहां सामान्य स्थिति होने के उपरांत दवा दी जाएगी। एलबेंडाजोल की गोली खिलाने के दौरान शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाएगा।
क्यों जरूरी है एल्बेंडाजोल की गोली
बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कृमिनाशक गोली एल्बेंडाजोल पूरी तरह से सुरक्षित है यह पेट के अंदर पल रहे कृमि को नष्ट कर उन्हें मल के रस्ते बाहर कर देता है कृमि के नष्ट हो जाने से पोषक तत्व शरीर को लगते हैं जिससे शरीर का मानसिक और शारीरिक विकास होता है और बच्चे कुपोषित होने से भी बच जाते हैं।
इन 24 जिलों में चलेगा कार्यक्रम
बस्तर, कोंडागाँव, दन्तेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बिलासपुर, धमतरी, गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मारवाही, जशपुर, कवर्धा, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, मुंगेली, रायगढ़,रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, बीजापुर और सरगुजा।

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