खनिज विकास निगम के अध्यक्ष देवांगन ने किया शहरी सी-मार्ट का शुभारम्भ
मुख्य अतिथि सहित मौजूद अतिथियों ने भी सी-मार्ट के उत्पाद खरीदकर किया प्रोत्साहित
धमतरी, 22 मई (आरएनएस)। कुटीर उद्योग एवं महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा उन्हें स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सी-मार्ट की स्थापना की गई है। इसी क्रम में स्थानीय सिहावा चौक के समीप धन्वंतरि हाल में शहरी सी-मार्ट की स्थापना की गई है। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने अपने धमतरी प्रवास के दौरान आज दोपहर को शहरी सी-मार्ट का शुभारम्भ फीता काटकर किया। इस दौरान उन्होंने वहां पर विक्रय के लिए रखे गए उत्पादों का अवलोकन किया तथा समूह की महिलाओं की हौसला-अफजाई करते हुए कतिपय उत्पाद भी खरीदे। मुख्य अतिथि के साथ आए अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी सी-मार्ट से विभिन्न प्रकार के सामान क्रय किए।
देवांगन ने समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा कि उनके आर्थिक स्वावलम्बन और सामाजिक उत्थान को दृष्टिगत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में सी-मार्ट का कॉन्सेप्ट लाया है। इसके जरिए महिलाएं अपना बेहतर भविष्य गढऩे की दिशा में अग्रसर हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि राज्य शासन की विभिन्न विभागों के योजनाओं तहत संचालित महिला स्वसहायता समूह, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुम्भकारों अथवा अन्य कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित करने तथा इसकी व्यवसायिक ढंग से विपणन करने के उद्देश्य से सी-मार्ट की स्थापना की गई है। इस अवसर पर कलेक्टर पी.एस. एल्मा, जिला पंचायत की सी.ई.ओ. प्रियंका महोबिया, महापौर विजय देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर सहित सदस्यगण, वरिष्ठ नागरिक शरद लोहाना, मोहन लालवानी आदि मौजूद रहे।
इसके नोडल अधिकारी एवं महाप्रबंधक उद्योग एसपी गोस्वामी ने बताया कि इसके तात्कालिक संचालन के लिए आश्रय महिला स्व सहायता समूह रत्नाबांधा का चयन किया गया है। राज्य शासन से मिले निर्देशों के अनुरूप सी मार्ट की गतिविधियों को आवश्यक सहयोग एवं उत्पादक समूहों की सहायता के लिए परियोजना अनुसरण समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा वर्तमान में सी मार्ट में जिले के स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद जैसे मसाले, पापड़, अचार, अगरबत्ती, फिनाइल, झाडू, हैण्डवॉश इत्यादि का विक्रय किया जाएगा। साथ ही स्वरोजगार योजना के तहत लाभान्वित उद्यमियों के उत्पाद जैसे ग्लूकोज, एनर्जी ड्रिंक, चावल, फुटवियर इत्यादि के भी विपणन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग और हथकरघा के उत्पाद जैसे फाइल कवर, हैण्डलूम के कपड़े, बांस कला के उत्पादों के साथ माटीकला के उत्पदों के विक्रय की भी व्यवस्था की गई है।