रिसाली नगर निगम: विकास नहीं यहां चल रहा पार्षदो के बीच राजनीतिकरण
भिलाई, 19 मई (आरएनएस)। दुर्ग जिले की भिलाई शहर के विकास के लिए बनाया गया रिसाली नगर निगम विवादों के घेरे में है ।
भाजपाइयों की विरोध की राजनीति के चलते पूर्ण नहीं हो पा रहा है। भिलाई नगर निगम में रहते विकास की दौड़ में पिछड़े रिसाली क्षेत्र को पटरी पर लाने के लिए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने नगर निगम गठन का विचार किया। अब जबकि रिसाली क्षेत्र विकास की दौड़ लगाने को उतावला है तो विरोध की मानसिकता वाले लोग रास्ते में रुकाव पैदा कर रहे हैं। रिमाली क्षेत्र के वार्ड 28 की सबसे बड़ी समस्या पानी निकासी की है। स्थानीय नागरिकों की लम्बे
रिसाली निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर क्षेत्र के लोगों को जल जमाव की समस्या से छुटकारा दिलाया जाए। इस समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम की वर्तमान परिषद ने 95 लाख की लागत से बड़ी नाली का प्रस्ताव तैयार किया है, किन्तु विरोध की मानसिकता वालों ने इस नाली का निर्माण ही रोक रखा है। जबकि जल्द ही बरसात का मौसम आने को है। नगर निगम के जानकारों का मानना है कि यदि जल्द ही नाली निर्माण का कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया तो क्षेत्र के नागरिकों को एक बार फिर बरसाती पानी से दो-चार होना ।
समय से मांग रही है कि क्योंकि यह पूरा इलाका डुबान में आता है, इसलिए पानी पड़ेगा।ईधर
वार्ड 28 की शक्ति विहार कालोनी को पॉश कॉलोनी माना जाता है। वार्ड का यह क्षेत्रलापरबा है। बरसात के दिनों में इस पूरी कालोनी के पते में एक से बाई फोट तक पानी घुस जाता है। रिसाली निगम गठन से पहले स्थानीय नागरिक लगातार मिलाई नगर निगम में अपनी दुखड़ा रोते रहे कि उन्हें जल जमाव की समस्या से छुटकारा दिलाया जाए। नागरिकों की मांग रही है कि इस डुबान] वाले क्षेत्र में पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था बनाई जाए। वार्ड की कपा [डॉ. सीमा साहू ने इस समस्या को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया और उन्ही के प्रयासों से रिलाली निगम ने 95 लाख रूपए की लागत से बड़ी नाली के लिए प्रस्ताव तैयार किया। लेकिन यहा सबसे बड़ी समस्या यह है कि नाली निर्माण के लिए जिन जगहों का चठन किया गया है, वह लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। नाली का ज्यादातर हिस्सा स्थानीय निवासियों के घर के बाहर से होकर जाएगा क्योंकि तक विहार कालोनी एक पौत इलाका है, इसलिए लोगों ने अपने-अपने घरों के बाहर कर टाइल्स और कार्बल्स आदि रखे है। इस अतिक्रमण को तोड़े बिना नाली का निर्माण संभव नहीं है।
पार्षदों की लड़ाई बना कारण
निगम क्षेत्र के ज्यादातर लोग विकास में अपनी सहभागिता चाहते है पिछले 4 दिनों से नगर निगम की जेसीबी मशीन अतिक्रमण तोडऩे के लिए शक्ति विहार कालोनी पहुंच रही है, लेकिन भाजपाइयों के विरोध के चलते काम नहीं हो पा रहा है। निगम प्रशासन को नया है कि बरसात से पहले-पहल नाली का सम्पूर्ण निर्माण हो जाए, ताकि स्थानीय निवासियों को जल भराव की समस्या से छुटकारा मिले। निगम के इंजीनियरों ने बाली निर्माणा का खाका खीचने के लिए खूब मशक्कत की है। यह बड़ी जाली निर्माण के बट कृष्ण टॉकीज रोड से होकर आगे बड़े जाले से मिलेगी। निगम सूत्रों का कहना है कि कॉलोनी में सड़क के दोनों ओर जगह नहीं है।