मुख्यमंत्री शामिल हुए मराठा सेवा संघ के स्थापना दिवस समारोह में

महासमुंद जिले के नर्रा गांव में स्थित छत्तीसगढ़ के पूर्व मराठा शासक श्री बिम्भाजी राव भोसले के समाधि स्थल का होगा सौंदर्यीकरण

अन्य समाजों की तरह मराठा सेवा संघ को भी कलेक्टर गाइडलाइन दर के 10 प्रतिशत मूल्य पर उपलब्ध होगा भूखंड

महासमुंद जिले के नर्रा गांव में स्थित

रायपुर, 11 अप्रैल (आरएनएस)। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर में आयोजित मराठा सेवा संघ के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ और विदर्भ का बहुत पुराना संबंध रहा है। भौगोलिक, राजनीतिक दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी। महाराष्ट्र के साथ छत्तीसगढ़ के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। आने वाले समय में यह संबंध और अधिक प्रगाढ़ होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के नर्रा गांव में स्थित छत्तीसगढ़ के पूर्व मराठा शासक श्री बिम्भाजी राव भोसले के समाधि स्थल के सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह समाधि जर्जर स्थिति में है। इसका सौंदर्यीकरण उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मराठा संघ के सामाजिक भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग पर कहा कि मराठा सेवक संघ को भी अन्य समाजों की तरह कलेक्टर गाइडलाइन दर के 10 प्रतिशत मूल्य पर भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा। रायपुर के कचना में आयोजित इस कार्यक्रम में मराठा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कामाजी पवार, संस्थापक अध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम खेडे़कर, प्रदेश अध्यक्ष श्री रविन्द्र दानी, पूर्व विधायक श्रीमती रेखा ताई, पूर्व मराठा शासक श्री बिम्बाजी भोंसले के परिजन श्री मधोजी भोसले और श्रीमती मंगला दानी सहित संघ के अनेक  पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के आरंभ में छत्रपति शिवाजी महाराज और महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर मराठा सेवा संघ की त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन किया और आयोजकों की ओर से उत्कृष्ट कार्यों के लिए समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ और विदर्भ के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के बाद सीपी एंड बरार में छत्तीसगढ़ अंचल का क्षेत्र भी शामिल था, जिसकी राजधानी नागपुर थी। छत्तीसगढ़ के अनेक शहरों में मराठा समाज के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। रायपुर के दूधाधारी मठ का जीर्णाेद्धार मराठा शासक ने कराया था, इसी तरह रायपुर के 400 वर्ष पुराने रावण भाटा मैदान में भोसले राजाओं ने सार्वजनिक दशहरा उत्सव की शुरुआत की थी। अब जब महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लोगों का एक दूसरे के राज्य में आना जाना बढ़ रहा है, तो आने वाले समय में यह संबंध और ज्यादा प्रगाढ़ होगा।