राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने 95 विद्यार्थियों को प्रदान किया स्वर्ण पदक
बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए की जाएगी ठोस पहल: राज्यपाल सुश्री उइके
रायपुर 05 मार्च (आरएनएस)। राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके आज बस्तर स्थित शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के तीसरा दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। राज्यपाल सह कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके द्वारा दीक्षांत के गरिमामयी अवसर पर 95 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। साथ ही वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में उत्तीर्ण स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल सुश्री उइके ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पदक प्राप्त करने वालों विद्यार्थियों में लगभग 75 फीसदी बालिकाएं हैं, जो इस बात का सूचक है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। ये अपनी दक्षता, क्षमता और प्रतिबद्धता से नए भारत की गाथा लिखने को तैयार हैं।
सुश्री उइके ने कहा कि प्रकृति की सुरम्य गोद में बसे बस्तर के विद्यार्थी कोरोना जैसी कठिन परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे और अपने अथक परिश्रम एवं साधना से वांछित लक्ष्य को प्राप्त किया।
सुश्री उइके ने कहा कि जनजातीय बाहुल्य अंचल में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने दूर दराज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा कि अंचल के आदिवासी युवाओं के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही।
राज्यपाल ने युवा विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी यहां की भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से जानने के साथ ही समाज से सीधे जुड़े हुए हैं। बस्तर से बाहर जाने पर यहां के आदिवासियों की सहज सरल व्यवहार, सुरम्य वातावरण तथा प्रकृति द्वारा इस अंचल को दिए गए सौन्दर्य के उपहार के संबंध में जरुर बताएं। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए समाज को कुछ लौटाने का सुअवसर आ गया है। उन्होंने सभी युवाओं से अपने दायित्वों का निवर्हन करने और देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदार बनने की अपील की।
मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. अरुण कुमार सिन्हा ने शिक्षा को निरंतर प्रवाहित होने वाली धारा बताया। उन्होंने औपचारिक शिक्षा के साथ ही अनौपचारिक शिक्षा को व्यक्तित्व निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। कुलपति डाॅ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने इस अवसर पर शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय में हो रहे विकास के संबंध में जानकारी दी।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती फुलोदेवी नेताम, श्री दीपक बैज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, विश्वविद्यालय के व्याख्यातागण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।