राज्य में फलोत्पादन एवं मसाला खेती को मिला प्रोत्साहन
रायपुर, 02 जनवरी (आरएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और योजनाओं से खाद्यान्न उत्पादन एवं फसल विविधता को बढ़ावा मिलने के साथ ही उद्यानिकी फसलों की खेती को भी प्रोत्साहन मिला है। इसका परिणाम यह रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में केला, पपीता, अदरक, हल्दी और टमाटर की उन्नत खेती किसान करने लगे हैं। बीते तीन सालों में कृषक साग-सब्जी के अलावा फल एवं मसालेदार फसलों की खेती में काफी रूचि लेने लगे हैं। इससे राज्य में फल एवं मसालों की मांग एवं आपूर्ति में काफी हद तक संतुलन की स्थिति बनी है। किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है। राज्य में मुख्यत: केला, पपीता, टमाटर के खेती के अलावा हल्दी, अदरक तथा शकरकंद की खेती कृषकों द्वारा की जा रही है।
उद्यानिकी के तहत संचालित दो बडी योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत विगत तीन वषों में फलों की खेती में सबसे अधिक केला एवं पपीता का उत्पादन रहा है। राज्य के 19 जिलों में संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत विगत तीन वषों में केले की खेती 3227 हेक्टेयर में की गयी है और लगभग 96,810 मेट्रिक टन उत्पादन प्राप्त हुआ है। इस योजना से कुल 1901 कृषक लाभान्वित हुए हैं। वही राज्य के 8 जिलों में संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत विगत 3 वर्षों में 380 हेक्टेयर में केले की खेती की गयी एवं औसतन 11,400 मेट्रिक टन का उत्पादन प्राप्त हुआ है। इससे कुल 577 कृषक लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह बीते तीन सालों में राज्य में 1260 किसानों ने 1720 हेक्टेयर में पपीते की खेती को अपनाया हैं, जिससे औसतन 60200 मेट्रिक टन उत्पादन प्राप्त हुआ। रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के गांव के कृषक श्री महावीर वर्मा द्वारा बीते तीन सालों से 7 एकड़ में केले की खेती की जा रही है। इनके द्वारा कृषकों को Óकेला, पपीता के खेती के बारे में लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। कृषक श्री वर्मा बताते हैं कि एक हेक्टेयर में केले की खेती कर से 60 टन से ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।