रायपुर. 17 अगस्त  (आरएनएस)। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अभिसरण से बने सेग्रिगेशन शेड ने जशपुर जिले के गम्हरिया गांव की सूरत बदल दी है। वहां की ‘स्वच्छता दीदियां’ कचरे का निस्तारण कर गांव की सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। खुले में शौचमुक्त गांव बनने के बाद अब गम्हरिया प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट मुक्त ग्राम पंचायत भी बन गया है। सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों पर फेंके जाने वाले कचरे को वहां की सूरज स्वसहायता समूह की महिलाओं ने अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाया है। पिछले एक साल में इस समूह ने कचरे के निस्तारण और यूजर चार्ज से 63 हजार रूपए कमाए हैं। कचरा संकलन तथा उसे अलग-अलग कर निस्तारित करने का काम इन महिलाओं के लिए सहज-सरल नहीं था। शुरूआत में जब वे रिक्शा लेकर कचरा संकलन के लिए घर-घर जाती थीं, तो लोग उन्हें ऐसे देखते थे जैसे वे कोई खराब काम कर रही हों। लोगों की हिकारत भरी नजरों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और ग्राम पंचायत के सहयोग से इस काम को जारी रखा। इनके काम से गांव लगातार साफ-सुथरा होते गया, तो लोगों का नजरिया भी बदलने लगा। अब गांववाले इन्हें सम्मान के साथ ‘स्वच्छता दीदी’ कहकर पुकारते हैं।