रायपुर, 03 जुलाई (आरएनएस)।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के काम-काज की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में खेती-किसानी को समृद्ध बनाने के लिए सिंचाई जरूरी है। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को मनरेगा के तहत किसानों के खेत के निचले हिस्से में कुंआ और तालाब (डबरी) का निर्माण कराने के निर्देश दिए ताकि खेतों के ऊपरी हिस्से का वर्षा जल कुंओं और तालाब में संग्रहित हो सके। जिससे किसान आवश्यकता के अनुसार पानी लिफ्ट कर सिंचाई कर सके। उन्होंने आवश्यकतानुसार किसानों को पंप उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम के तहत वनभूमि के पट्टाधारी कृषकों को भी सिंचाई सुविधा के लिए कुंआ एवं तालाब से लाभान्वित किए जाने की बात कही। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती रेणु जी पिल्ले, सचिव श्री आर. प्रसन्ना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों को बस्तर अंचल में ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य में स्थानीय युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कहीं, ताकि निर्माण कार्य को समयावधि में पूरा किया जा सके। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से स्वीकृत एवं निर्मित आंगनबाड़ियों को मुख्यमंत्री ने आकर्षक रूप से रंग-रोगन और वहां बच्चों के लिए खेल सुविधाएं सुलभ कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के विकास, महिला समूहों द्वारा संचालित आय मूलक गतिविधियों में मदद एवं मार्गदर्शन के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोडल की जिम्मेदारी सौंपी।