रायपुर, 02 जून (आरएनएस)।  हमें इस समय आत्मबल और संयम की आवश्यकता है। लोगों के मन में कोरोना को लेकर भय की स्थिति है। लोगों को भयमुक्त करें और जागरूक करें। यह याद रखें कि मानव ने बड़ी-बड़ी बीमारियों और विपदा का सामना किया है और विजय भी प्राप्त की है। अभी मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने की ज्यादा आवश्यकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एकजुटता और दृढ़ इच्छाशक्ति से इसका सामना करते हुए कोरोना संक्रमण को हराने का आह्वान किया है। निश्चित ही इस बीमारी पर हम विजय प्राप्त कर सकेंगे। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज युवा चेतना संस्था द्वारा ‘‘कोरोना और ग्रामीण भारत’’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शुरूआत में स्थिति गंभीर थी। उस समय शासन प्रशासन ने एकजुट होकर प्रयास किया और आज प्रदेश में कोरोना संक्रमण की द्वितीय लहर पर नियंत्रण की स्थिति में आ रही है।
राज्यपाल ने युवा चेतना संस्था के संयोजक श्री रोहित सिंह एवं संस्था के सदस्यों द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए कल्याणकारी कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के कमजोर होने के बाद सभी निश्चिंत हो गये थे कि कोरोना चला गया। परन्तु धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण ने फिर से पैर पसारना शुरू किया और संक्रमण एक झंझावत के रूप में सामने आया। यह शहरों में अपना भयानक रूप दिखाया। धीरे-धीरे यह गांव की ओर बढ़ना शुरू किया और कई गांवों में फैल गया। चूंकि गांवों में जागरूकता के अभाव में इस संक्रमण के प्रति ग्रामीण अनभिज्ञ थे और कोरोना से बचाव के नियमों को अनदेखी करते रहे। शुरूआत में इसके लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया और संक्रमण फैलता गया।
सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी पिछले दिनों हुई बैठक में इसे अदृश्य दुश्मन करार देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक जांच करने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया था। देश के आधे से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। अतः हमें गांवों में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि कई गांव ऐसे भी हैं जहां पर संक्रमण पहुंच नहीं पाया क्योंकि वहां के लोग इतने जागरूक हैं कि उन्होंने बेरिकेट लगाकर बाहरी लोगों की आवाजाही रोकी और पर्याप्त सावधानी बरती।